
हाजीपुर, विशेष संवाददाता:
बिहार की राजनीति और अपराध जगत में 90 के दशक में दहशत का पर्याय रहे पूर्व विधायक विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला एक बार फिर चर्चा में हैं। बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड में उम्रकैद की सजा बरकरार रहने के बाद बुधवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच भागलपुर जेल से हाजीपुर कोर्ट ले जाया जा रहा है। इस हाई-प्रोफाइल पेशी को लेकर सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं।
कौन है मुन्ना शुक्ला?
बिहार के बाहुबलियों की सूची में पहला नाम जिनका लिया जाता रहा है, उनमें मुन्ना शुक्ला प्रमुख रहे हैं। अपने भाई छोटन शुक्ला की हत्या के बाद उन्होंने अपराध की दुनिया में कदम रखा और देखते ही देखते बड़ा प्रभावशाली चेहरा बन गए। 90 के दशक में उनकी धमक ऐसी थी कि राजनीतिक दल भी उन्हें टिकट देने को मजबूर दिखाई देते थे।
मुन्ना शुक्ला तीन बार बिहार विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं।
- वर्ष 2000: लालगंज से निर्दलीय जीत
- फरवरी 2005: लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर विजय
- अक्टूबर 2005: जनता दल (यूनाइटेड) के प्रत्याशी के रूप में तीसरी बार जीत
राजनीति में उनकी बढ़ती ताकत और प्रभाव ने उन्हें प्रदेश के सबसे चर्चित नेताओं में शामिल कर दिया।
बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड – जिसने हिला दी थी बिहार सरकार
1998 में तत्कालीन मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्या ने पूरे बिहार की राजनीति को हिलाकर रख दिया था। इस मामले में मुन्ना शुक्ला पर मुख्य आरोप लगा और यह हत्याकांड तत्कालीन सरकार के लिए बड़ा संकट बन गया। निचली अदालत ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी, हालांकि बाद में हाई कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने दोबारा राजनीति में सक्रियता जताई।
लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने उनके विरुद्ध निचली अदालत के फैसले को बहाल रखते हुए उम्रकैद की सजा कायम रखी, जिसके बाद वह फिर से जेल में हैं।
राजनीति में गिरावट और चुनावी हार
सजा से पहले मुन्ना शुक्ला ने 2024 का लोकसभा चुनाव राजद के टिकट पर लड़ा, लेकिन उन्हें लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की उम्मीदवार वीणा देवी ने पराजित कर दिया। इस हार के बाद उनका राजनीतिक प्रभाव भी काफी कमजोर माना जाने लगा।
आज होगी पेशी, सुरक्षा कड़ी
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुन्ना शुक्ला फिलहाल भागलपुर जेल में सजा काट रहे हैं। बुधवार को उन्हें पेशी के लिए हाजीपुर कोर्ट लाया जा रहा है, जहां भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है।
बिहार की राजनीति में कभी बड़ा नाम रहे मुन्ना शुक्ला का भविष्य अब पूरी तरह न्यायिक प्रक्रिया पर निर्भर करता है। इस पेशी को लेकर राजनीतिक हलकों में भी फिर से चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।