
मुंबई/कोटा। संवाददाता।
महिला क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में भारत ने इतिहास रच दिया है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मिली इस शानदार जीत में ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा ने बेहतरीन प्रदर्शन कर टीम इंडिया को विश्व विजेता बनाया। आगरा की रहने वाली दीप्ति का राजस्थान के कोटा शहर से भी गहरा रिश्ता है। उनके बड़े भाई अवलेश शर्मा यहां कोचिंग संस्थान में फैकल्टी हैं, जो अपनी बहन की इस उपलब्धि पर गर्व से फूले नहीं समा रहे।
फाइनल मुकाबले में दीप्ति ने 58 गेंदों पर 58 रन बनाए और 5 विकेट झटके, जिनमें दक्षिण अफ्रीकी कप्तान लोरा वाल्मार्ट का विकेट भी शामिल था। उनके इस प्रदर्शन ने भारत को विश्व कप का ताज दिलाया।
भाई ने बताया — बचपन से क्रिकेट की दीवानी थी दीप्ति
दीप्ति के भाई अवलेश शर्मा ने बताया कि बचपन से ही दीप्ति को क्रिकेट का शौक था। आगरा की अवधपुरी कॉलोनी में पली-बढ़ी दीप्ति जब आठ साल की थीं, तभी से क्रिकेट खेलने की जिद करती थीं। उनका छोटा भाई सुमित शर्मा स्टेट लेवल का खिलाड़ी था, और दीप्ति हर मैच में उसके साथ जाती थी।
एक दिन मैदान के बाहर से दीप्ति ने गेंद थ्रो की जो सीधे स्टंप पर जाकर लगी — उस पल कोच ने कहा, “इसे अंदर मैदान में बुलाओ।” और वहीं से शुरू हुआ दीप्ति का क्रिकेट सफर, जो अब विश्व कप की जीत तक पहुंच गया।
2017 और 2022 का दर्द बना प्रेरणा
अवलेश ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ फाइनल में दीप्ति का प्रदर्शन सिर्फ एक मैच की मेहनत नहीं, बल्कि वर्षों के संघर्ष और पुराने विश्व कप के दर्द का परिणाम था।
साल 2017 में दीप्ति आखिरी बल्लेबाज के रूप में आउट हुई थीं, जिससे भारत खिताब से चूक गया था। 2022 में भी यही स्थिति रही। उस हार का दर्द उन्होंने भुलाया नहीं — और अब उसी जुनून से जीत हासिल की।
परिवार ने हर मुश्किल में दिया साथ
दीप्ति के पिता श्रीभगवान शर्मा रेलवे में सुपरवाइजर हैं और मां सुशीला शर्मा एक स्कूल में प्राचार्य हैं। उन्होंने हर वक्त बेटी का हौसला बढ़ाया, उसे कभी निराश नहीं होने दिया।
अवलेश बताते हैं, “जब लोग आलोचना करते थे, तब भी हमने उसे सिर्फ यही कहा — मेहनत करो, वक्त सबका आता है।”
धोनी और रैना हैं आदर्श, हनुमानजी में अटूट आस्था
दीप्ति शर्मा सुरेश रैना को अपना आइडियल मानती हैं। रैना की तरह वे लेफ्ट हैंड बैटर और राइट आर्म ऑफ स्पिनर हैं। वहीं महेंद्र सिंह धोनी से उन्होंने तनाव में संयम बनाए रखना सीखा।
दीप्ति हनुमानजी की भक्त हैं — उनके नाम का टैटू भी उन्होंने गुदवाया है। मैच में उतरने से पहले वे हमेशा माथे पर टीका लगाती हैं।
“बहन की जीत पर गर्व है” — भाई अवलेश शर्मा
कोटा से बात करते हुए अवलेश बोले —
“रविवार रात जैसे ही भारत जीता, हमारी आंखों से खुशी के आंसू झरने लगे। दीप्ति ने न सिर्फ परिवार बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है। टीम इंडिया की हर बहन पर गर्व है।”
📸 भारत की नई ‘ऑलराउंड क्वीन’ दीप्ति शर्मा ने कोटा से जुड़ा रिश्ता भी किया अमर — देश की बेटियों के लिए बनी प्रेरणा।