Tuesday, November 4

ज़हरीली कफ सिरप से जूझते हुए जीत की राह पर पांच साल का कुणाल — दो महीने कोमा में रहने के बाद अब सामान्य वार्ड में शिफ्ट

छिंदवाड़ा/नागपुर। ज़िंदगी और मौत के बीच दो महीने से लड़ाई लड़ रहे पांच साल के कुणाल यदुवंशी ने अब उम्मीद की नई किरण जगा दी है। ज़हरीली कफ सिरप पीने से किडनी फेल होने के बाद लंबे समय तक कोमा में रहने वाले कुणाल को अब वेंटिलेटर और CRRT (किडनी सपोर्ट थेरेपी) से हटा दिया गया है। डॉक्टरों ने उन्हें ICU से सामान्य वार्ड में शिफ्ट कर दिया है।

अब बिना वेंटिलेटर के सांस ले रहा है कुणाल

AIIMS नागपुर के डॉक्टरों के अनुसार, कुणाल अब सामान्य हवा में सांस ले पा रहा है, हालांकि जहरीले केमिकल का असर अभी भी उसके दिमाग पर बरकरार है। डॉक्टरों का कहना है कि उसका सेंट्रल नर्वस सिस्टम कमजोर हुआ है और पूरी तरह ठीक होने में अभी समय लग सकता है।

24 अगस्त को बिगड़ी थी तबीयत

छिंदवाड़ा जिले के परसिया निवासी कुणाल को 24 अगस्त को खांसी-बुखार के बाद एक निजी डॉक्टर ने ‘कोल्डरिफ’ (Coldrif) सिरप दी थी। बाद में जांच में पता चला कि इस सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल (Diethylene Glycol) नामक जहरीला इंडस्ट्रियल केमिकल मौजूद था। इसी के कारण कुणाल को किडनी फेलियर और ब्रेन डैमेज हुआ।

परिवार की जद्दोजहद

कुणाल के पिता टिंकू यदुवंशी, जो एक फाइनेंस फर्म में काम करते थे, अब अपनी नौकरी खो चुके हैं। परिवार ने इलाज में 6 लाख रुपये से अधिक खर्च कर दिए हैं। वहीं मध्य प्रदेश सरकार ने एक लाख रुपये की सहायता दी है। कुणाल की मां लक्ष्मी ने बताया कि वे बारी-बारी से बच्चे के पास रहते हैं, क्योंकि अस्पताल में बिस्तर के पास बैठने या सोने की अनुमति नहीं है।

अब भी बाकी है लंबी लड़ाई

सोमवार को जब हमारे प्रतिनिधि ने अस्पताल में कुणाल को देखा, तो वह आंखें खोलकर हाथ-पैर हिलाने की कोशिश कर रहा था। हालांकि, अभी बोलने या चलने की क्षमता वापस नहीं आई है। डॉक्टरों का कहना है कि इलाज जारी रहेगा और सुधार के आसार हैं।

जहरीली सिरप से अब तक 24 मासूमों की मौत

तमिलनाडु की Sresan Pharmaceuticals Ltd. द्वारा निर्मित इस जहरीली कफ सिरप से अब तक 24 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस घटना ने देश में दवा सुरक्षा प्रणाली पर गहरी चिंता खड़ी कर दी है।

पांच साल के कुणाल की यह जंग सिर्फ ज़िंदगी से नहीं, बल्कि उस लापरवाही से भी है जो मासूमों की सांसें छीन रही है। उसकी हिम्मत और जीवन शक्ति को सैल्यूट है।


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