Monday, December 1

मुजफ्फरनगर में बड़ा खुलासा: फर्जी जमानत पर बाहर आया कुख्यात गैंगस्‍टर ‘चीता’, 17 साल पहले मर चुका था एक जमानती

मुजफ्फरनगर: जिले में फर्जी जमानतियों का ऐसा संगठित नेटवर्क सामने आया है, जिसने पुलिस-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। गैंगस्टर एक्ट में जेल भेजा गया कुख्यात अपराधी नीरज बाबा उर्फ चीता फर्जी दस्तावेजों के सहारे जेल से रिहा होकर फरार हो गया, जबकि उसके जमानतदारों में एक 17 साल पहले ही मर चुका था।

खतौली पुलिस ने वर्ष 2022 में मेरठ जिले के रोहटा थाना क्षेत्र के गांव अट्टा चिंदौड़ी निवासी नीरज बाबा उर्फ चीता को गैंगस्टर एक्ट में गिरफ्तार किया था। कुछ समय बाद अदालत में मेरठ के हस्तिनापुर निवासी दो भाइयों—प्रताप सिंह और बिलख सिंह—को जमानतदार बताते हुए उसकी जमानत मंजूर कर ली गई और जेल प्रशासन ने आदेश मिलते ही उसे रिहा कर दिया।

मात्र ट्रायल शुरू होते ही आरोपी चीता अदालत में पेश नहीं हुआ। जमानतदारों के भी नदारद रहने पर अदालत ने गैर-जमानती वारंट जारी करते हुए सत्यापन के आदेश दिए। जांच की जिम्मेदारी एसपी सिटी सत्य नारायण के नेतृत्व में टीम को सौंपी गई। पुलिस जब हस्तिनापुर पहुंची तो चौंका देने वाला फर्जीवाड़ा उजागर हुआ।

सत्यापन में पता चला कि जिन जमानतदारों के नाम पर चीता की रिहाई हुई, उनमें से प्रताप सिंह की मौत वर्ष 2008 में ही हो चुकी थी, जबकि उसके भाई बिलख सिंह ने साफ कहा कि उसने कभी किसी की जमानत नहीं ली। उसके बेटे ने भी इसकी पुष्टि की। इससे स्पष्ट हो गया कि जमानत के दस्तावेज पूरी तरह फर्जी थे और किसी संगठित गिरोह द्वारा तैयार कराए गए थे।

पुलिस ने अपनी रिपोर्ट अदालत और मेरठ एसएसपी को भेज दी है। इसके बाद नीरज बाबा उर्फ चीता की धरपकड़ के लिए पुलिस की कई टीमें सक्रिय कर दी गई हैं। साथ ही मेरठ व आसपास के जिलों में चीता के पुराने मामलों में हुए सभी जमानतों का पुनः सत्यापन शुरू कर दिया गया है। पुलिस को आशंका है कि बड़े पैमाने पर ऐसे फर्जी जमानतदारों का नेटवर्क सक्रिय है, जो पैसों के बदले अपराधियों को कोर्ट से बाहर निकालने के लिए फर्जी पहचान और दस्तावेज उपलब्ध कराता है।

इस गंभीर खुलासे के बाद एडीजी मेरठ जोन भानु भास्कर के निर्देश पर पूरे जोन में एक माह का विशेष सत्यापन अभियान शुरू कर दिया गया है। थानों में जमानत रिकॉर्ड के लिए अलग रजिस्टर तैयार किए जा रहे हैं और पुराने मामलों की समीक्षा की जा रही है। पुलिस ने साफ चेतावनी दी है कि फर्जी जमानतों में शामिल आरोपी, सहयोगी और दस्तावेज तैयार कराने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

फरार गैंगस्टर चीता की तलाश तेज कर दी गई है, जबकि दूसरी ओर जमानत फर्जीवाड़े के इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए जिलेभर में बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस मान रही है कि यह मामला न्याय व्यवस्था की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर खतरे की ओर संकेत करता है।

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