
जयपुर/कोयंबटूर : राजस्थान से तमिलनाडु तक मजदूरों के जरिए नशे की तस्करी का खतरनाक खेल चल रहा है। कोयंबटूर पुलिस की कार्रवाई में इस पूरे नेटवर्क का एक बड़ा पहलू सामने आया है। सुलूर इलाके में पुलिस ने राजस्थान के एक मजदूर को गिरफ्तार किया, जो मजदूरी के नाम पर तमिलनाडु पहुंचा था, लेकिन असल में अफीम की तस्करी कर रहा था।
प्रोहिबिशन एनफोर्समेंट विंग ने आरोपी की पहचान जोधपुर निवासी सुनील बिश्नोई के रूप में की है। मंगलवार को रावथुर पिरिवु के पास टीम ने उसे 40,000 रुपये मूल्य की अफीम के साथ पकड़ लिया। उसके पास से 10 ग्राम अफीम बरामद हुई, जिसे दो-दो ग्राम के पांच पैकेट में बांटा गया था। तस्करी में इस्तेमाल की गई बाइक भी ज़ब्त कर ली गई है।
मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई
कोयंबटूर सेंट्रल इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) को मुखबिर से जानकारी मिली थी कि एक शख्स अफीम लेकर शहर में प्रवेश कर रहा है। इसी आधार पर चलाए गए चेकिंग अभियान के दौरान सुनील को पकड़ा गया। पूछताछ में उसने बड़ा खुलासा किया कि वह राजस्थान से अफीम लेकर यहां बेचने आया था।
तस्करी में मजदूरों का इस्तेमाल!
पूछताछ में सुनील ने बताया कि वह उमेश नाम के एक व्यक्ति के निर्देश पर काम कर रहा था। उसके अनुसार, उमेश मजदूरी के बहाने राजस्थान और अन्य राज्यों के मजदूरों को तस्करी में इस्तेमाल करता है और इसके बदले उन्हें पैसे देता है।
सूत्रों का मानना है कि यह केवल एक व्यक्ति का मामला नहीं, बल्कि कई मजदूर इस नेटवर्क के जरिए नशे की खेप राज्यों तक पहुंचा रहे हैं। पुलिस को आशंका है कि आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे हो सकते हैं।
जांच तेज, नेटवर्क पर शिकंजा
पुलिस अब उमेश की पहचान और उसके ठिकाने का पता लगाने में जुटी है। सुनील के खिलाफ NDPS एक्ट की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। जांच एजेंसियां यह पता लगाने का प्रयास कर रही हैं कि इस नेटवर्क का विस्तार किन-किन राज्यों तक है और इसमें कितने लोग शामिल हैं।
राजस्थान से लगातार बढ़ रहे नशा तस्करी के मामलों ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। मजदूरी के नाम पर तस्करी का यह मॉड्यूल कानून व्यवस्था और समाज दोनों के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है।