Monday, December 1

भागलपुर-अगरपुर फोरलेन प्रोजेक्ट री-टेंडर में अटका, निर्माण एजेंसी का चयन नहीं—परियोजना अनिश्चितकाल के लिए टली

भागलपुर। शहर की कनेक्टिविटी बढ़ाने और यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए महत्वपूर्ण माने जा रहे भागलपुर-अगरपुर-कोतवाली फोरलेन सड़क निर्माण प्रोजेक्ट पर बड़ा झटका लगा है। तकनीकी स्वीकृति (टीएस) न मिलने के कारण टेंडर प्रक्रिया रद्द कर दी गई है, जिससे सड़क निर्माण का काम अनिश्चितकाल के लिए टल गया है। विभागीय स्तर पर तैयारियां महीनों से चल रही थीं, लेकिन री-टेंडर की जटिलताओं के कारण निर्माण एजेंसी का चयन संभव नहीं हो पाया।

1 करोड़ 1 लाख की लागत, 24 महीने में पूरा होना था निर्माण

इस परियोजना का शिलान्यास 5 अक्टूबर को किया गया था। लगभग 1 करोड़ 1 लाख रुपये की लागत से बनने वाली इस फोरलेन सड़क को 24 महीनों में यानी वर्ष 2027 तक पूरा किया जाना था। निर्माण एजेंसी को सड़क बनाने के साथ पांच वर्षों तक मेंटेनेंस की जिम्मेदारी भी दी जानी थी। हालांकि टेंडर प्रक्रिया लगातार बाधित होने से अब ढाई महीने से अधिक समय बीत चुका है, और निविदा प्रक्रिया अधर में लटकी है। कई बार टेंडर तिथियां बढ़ाने के बावजूद कोई प्रगति नहीं हो सकी।

तकनीकी स्वीकृति में देरी बनी बड़ी रुकावट

अधिकारियों के अनुसार तकनीकी स्वीकृति रिपोर्ट तैयार कर मंजूरी के लिए भेज दी गई है। लेकिन उच्च स्तरीय जांच होने के कारण टीएस मंजूरी में समय लग सकता है। अनुमानों के अनुसार स्वीकृति मिलने के बाद भी टेंडर प्रक्रिया में कम से कम तीन महीने का समय लगेगा, जिससे परियोजना में कुल छह महीने तक की देरी संभव है।

लोहिया पुल–अलीगंज फोरलेन को मिली राहत

वहीं, दूसरी ओर लोहिया पुल से अलीगंज फोरलेन परियोजना के लिए तकनीकी स्वीकृति मिल चुकी है। इस मार्ग से बिजली के खंभे और तार हटाने की लागत का निर्धारण भी हो गया है। जल्द ही बिजली विभाग यह रिपोर्ट पथ निर्माण विभाग को सौंपेगा, जिससे उस प्रोजेक्ट की प्रक्रिया आगे बढ़ सकेगी।

आरसीडी ने बताई टेंडर रद्द होने की वजह

आरसीडी के कार्यपालक अभियंता अरविंद गुप्ता ने कहा,

“भागलपुर-अगरपुर-कोतवाली फोरलेन प्रोजेक्ट के लिए टीएस स्वीकृति नहीं मिली है, इसलिए टेंडर रद्द करना पड़ा। मंजूरी मिलते ही दोबारा टेंडर जारी किया जाएगा।”

लोगों की उम्मीदों पर पानी, बढ़ी परेशानी

फोरलेन निर्माण में देरी का सीधा असर आम जनता पर पड़ रहा है। यह सड़क तीन प्रमुख क्षेत्रों—भागलपुर, अगरपुर और कोतवाली—को जोड़ने का मुख्य मार्ग है। चौड़ीकरण से यातायात सुगम होने की उम्मीद थी, लेकिन परियोजना के टलने से लोगों को और इंतजार करना पड़ेगा।

अधिकारियों के दावे तेज प्रक्रिया की तरफ इशारा करते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत यही है कि निर्माण कार्य शुरू होने में अभी और समय लगेगा। जनता अब मंजूरी और टेंडर प्रक्रिया के पूरी होने का इंतजार कर रही है।

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