
बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बारनवापारा अभयारण्य क्षेत्र में सोमवार रात एक बड़ा हादसा हो गया। ग्राम हरदी के पास एक खेत के पुराने कुएं में चार हाथी गिर गए। सुबह ग्रामीणों ने हाथियों की चिंघाड़ सुनी तो गांव में अफरातफरी मच गई। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और करीब 4 घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया।
स्थानीयों ने किया वन विभाग का विरोध
रेस्क्यू के दौरान वन विभाग की टीम को शुरुआत में ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कुछ दिन पहले इसी इलाके में हाथियों के हमले में एक किसान की मौत हुई थी, तब विभाग का कोई अधिकारी मौके पर नहीं आया। ग्रामीणों ने कहा, “जब इंसान मरा तो कोई नहीं आया, अब हाथी गिरे तो सब आ गए।”
जेसीबी से तोड़ी गई कुएं की दीवार
वन विभाग और अभयारण्य की संयुक्त टीम ने दो जेसीबी मशीनों, रस्सियों और मिट्टी भराई की मदद से कुएं की एक साइड तोड़कर ढलान बनाई। धीरे-धीरे रास्ता बनाकर पहले दो शावकों को बाहर निकाला गया, फिर एक मादा और एक नर हाथी को भी सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। सभी चारों हाथी कुछ देर तक थके हुए खड़े रहे और फिर जंगल की ओर लौट गए।
25 फीट गहरा और झाड़ियों से ढका था कुआं
बारनवापारा के एसडीओ कृष्णु चंद्राकर ने बताया, “कुएं की गहराई करीब 25 फीट थी। ऊपर से झाड़ियां उग आई थीं, जिससे कुआं दिखाई नहीं देता था। संभवतः हाथियों का झुंड पानी पीने आया होगा और फिसलकर गिर गया।”
लगातार घूम रहा है हाथियों का झुंड
वन विभाग के अनुसार बारनवापारा जंगल क्षेत्र में इन दिनों 28 हाथियों का दल सक्रिय है, जो हरदी, टेंगनमारा, बार, अमोदी और सुगंधिया इलाकों के बीच घूम रहा है। विभाग ने ग्रामीणों से सतर्क रहने और रात्रि के समय खेतों में अकेले न जाने की अपील की है।
🌿 “मानव-हाथी संघर्ष को कम करने के लिए हम लगातार ग्रामीणों से संवाद कर रहे हैं।” – कृष्णु चंद्राकर, एसडीओ, बारनवापारा अभयारण्य
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