
ग्रेटर नोएडा: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए जमीन देने वाले अधिकांश किसानों ने नौकरी के बजाय 5 लाख रुपये लेने को प्राथमिकता दी है। अधिग्रहण के पहले चरण में 5 हजार किसानों ने जमीन दी, जिनमें से केवल 335 ने नौकरी का विकल्प चुना। बाकी सभी ने तय राशि लेकर आगे बढ़ना पसंद किया।
दूसरे चरण में 1365 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया, जिसमें 6 हजार से अधिक किसानों ने अपनी भूमि दी। बीरमपुर के 773 किसानों में से सिर्फ 8 ने नौकरी का विकल्प चुना, बाकी सभी ने पैसों को प्राथमिकता दी।
नए अधिग्रहण कानून के तहत जमीन देने वाले किसान के परिवार के एक सदस्य को परियोजना में नौकरी देने का प्रावधान है। हालांकि, जिन किसानों ने नौकरी चुनी, उन्हें अब तक रोजगार नहीं मिला है। किसान और स्थानीय युवा समय-समय पर इस मुद्दे पर अपनी आवाज़ उठाते रहे हैं।
किसानों का कहना है कि पैसा तुरंत मिल जाता है, जबकि नौकरी का कोई भरोसा नहीं। यही वजह है कि अधिकांश ने तुरंत नकदी विकल्प को चुना।
विशेषज्ञों का कहना है: यह रुझान स्थानीय युवाओं के रोजगार पर सवाल खड़े करता है और भविष्य में नीति निर्माताओं के लिए चुनौती बन सकता है।