
बालाघाट: 27 जुलाई को सोनवानी कंजर्वेशन रिजर्व में बाघिन का शव मिलने के बाद वन विभाग के अधिकारियों ने चौंकाने वाला कदम उठाया। निलंबन के डर से डिप्टी रेंजर और वन गार्ड ने शव को तीन दिन तक छुपाया और फिर उसे जला दिया। यह सनसनीखेज मामला तब उजागर हुआ जब एक कर्मचारी ने चुपके से ली गई तस्वीर लीक कर दी।
पूर्व वन रेंजर हिमांशु घोरमारे ने स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (STSF) को बताया कि उन्होंने सबूत मिटाने के लिए यह कदम उठाया। NTCA (National Tiger Conservation Authority) के नियमों के अनुसार, किसी भी बाघ की मौत पर फोरेंसिक जांच, पोस्टमार्टम और वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी अनिवार्य है, लेकिन अधिकारियों ने इन नियमों की अवहेलना की।
STSF की कार्रवाई के बाद अब सभी आठ आरोपी गिरफ्तार हैं। हिनोटे और घोरमारे को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है, जबकि अन्य सात आरोपी पहले से ही जेल में हैं। जमानत याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं। जांच अभी जारी है और अधिकारियों का मानना है कि आगे की पड़ताल से पूरे मामले की वास्तविक सच्चाई सामने आएगी।
यह मामला वन विभाग में बढ़ती लापरवाही और नियमों की अनदेखी की गंभीर चेतावनी है।