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‘लाल आतंक’ के सफाए की अंतिम तैयारी: झारखंड पुलिस ने मिसिर बेसरा और अनल को घेरने की रणनीति तेज की

रांची, 22 नवंबर 2025। झारखंड को पूरी तरह नक्सलवादमुक्त बनाने के लक्ष्य की ओर राज्य पुलिस निर्णायक चरण में पहुँच गई है। चाईबासा वह अंतिम इलाका बचा है, जहां नक्सली सक्रिय हैं। इसके पूर्ण उन्मूलन के लिए पुलिस ने ‘मैन टू मैन मार्किंग’ जैसी विशेष रणनीति लागू की है।

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एक-एक करोड़ के इनामी नक्सली रडार पर

पुलिस के मुताबिक, चाईबासा क्षेत्र में एक करोड़ के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा के छिपे होने की जानकारी है। वहीं केंद्रीय समिति सदस्य अनल पर भी एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित है।
इसके अलावा राज्य में ऐसे 35 नक्सलियों की सूची तैयार की गई है, जिन पर सरकार ने इनाम घोषित किया है।

2029 तक झारखंड को नक्सलमुक्त करने का लक्ष्य

नक्सल उन्मूलन अभियान केंद्र के गृह मंत्रालय की मुहिम के साथ संचालित किया जा रहा है।
राज्य पुलिस ने 2029 तक झारखंड को पूरी तरह ‘लाल आतंक’ से मुक्त करने का लक्ष्य तय किया है।
नई रणनीति के तहत दस्ता और निगरानी टीमों को चाईबासा में केंद्रित किया गया है।

डीजीपी ने किया ज़मीनी समीक्षा, अभियान और तेज

नई प्रभारी डीजीपी तदाशा मिश्रा ने चाईबासा पहुंचकर नक्सल विरोधी अभियानों की समीक्षा की और फोर्स की तैनाती मजबूत करने के निर्देश दिए।
आईजी अभियान डॉ. माइकल राज ने बताया कि—

“नक्सलियों की सभी गतिविधियों की जानकारी पुलिस के पास है। अभियान लगातार जारी है।”

65 नक्सलियों का अंतिम नेटवर्क, सरेंडर की अपील

चाईबासा में करीब 65 नक्सली अब छोटे-छोटे समूहों में सक्रिय हैं।
पुलिस के

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