
चंडीगढ़, 20 नवंबर 2025: पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में हरियाणा सरकार को आदेश दिया है कि वह 80 वर्षीय बुजुर्ग विधवा महिला लक्ष्मी देवी को दो महीने के भीतर पेंशन और अन्य बकाया रकम जारी करे। यह जीत महिला को पचास साल की कानूनी लड़ाई के बाद मिली है।
पीड़ित महिला की कठिनाई:
लक्ष्मी देवी के पति महा सिंह लाइनमैन थे और 1974 में कार्य के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी। उनके निधन के बाद महिला को केवल 6,026 रुपये की एक्स-ग्रेशिया राशि मिली, जबकि फैमिली पेंशन, ग्रैच्युटी, लीव सैलरी और प्रोविडेंट फंड जैसे अन्य लाभ लंबित रह गए। महिला ने विभाग में कई बार आवेदन और 2005 में रिट फाइल की, साथ ही RTI के माध्यम से जानकारी मांगने का प्रयास किया, लेकिन विभाग के अधिकारी मामले को सुलझाने में विफल रहे और गायब रिकॉर्ड का हवाला देते रहे।
हाईकोर्ट की टिप्पणी:
जस्टिस हरप्रीत सिंह बराड़ ने कहा कि जब भी न्याय प्रणाली कमजोर लोगों के लिए विफल रहती है, तो संविधान का वादा कमजोर हो जाता है। उन्होंने आगे कहा कि लक्ष्मी देवी लगभग पचास साल तक बिना राहत के दर-दर भटकती रही, और विभाग की लापरवाही ने उसकी पीड़ा बढ़ाई। कोर्ट ने बिजली विभाग की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि अधिकारियों ने बुजुर्ग विधवा को बार-बार आने और बातचीत करने के बावजूद पूरी जानकारी नहीं दी।
सरकार को आदेश:
हाईकोर्ट ने बिजली विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को स्पष्ट आदेश दिया कि वे व्यक्तिगत रूप से पेंशन और बकाया रकम को वेरिफाई करें और महिला को दो महीने के भीतर सभी बकाया राशि प्रदान करें। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह सिर्फ समझदारी का मामला नहीं है, बल्कि संवैधानिक जिम्मेदारी है।