
गाजियाबाद: नगर निगम की लगभग 220 करोड़ रुपए मूल्य की जमीन पर वर्षों से कब्जा जमाए बैठे लोगों के खिलाफ गाजियाबाद की मेयर सुनीता दयाल ने बड़ा एक्शन लिया। बोंझा, सिहानी और सुदामापुरी इलाकों में खुद जाकर जमीन की पैमाइश कराई और अवैध कब्जा हटाने के निर्देश दिए।
मेयर ने स्पष्ट किया कि सरकारी जमीन पर कब्जा करना स्वीकार्य नहीं है। कई लोगों ने मोहलत देने की भी गुहार लगाई, लेकिन मेयर ने इसे ठुकरा दिया और कहा कि कब्जाधारियों की यह आदत हो चुकी है। उन्होंने लेखपाल के खिलाफ भी कार्रवाई कराने के आदेश दिए, जिन्होंने अवैध निर्माण की अनुमति दी थी।
बोंझा में कार्रवाई
पटेल मार्ग स्थित बोंझा के खसरा नंबर 282, 283, 284, 285 और 308 पर लगभग चार बीघा जमीन अवैध कब्जे में मिली, जिसकी कीमत करीब 30 करोड़ रुपए है। इस भूमि का उपयोग अवैध कार पार्किंग, सब्जी उगाने, शेड और रेत-बालू कारोबार के लिए किया जा रहा था। मेयर के निर्देश पर निगम के बुलडोजर ने कुछ अवैध ढांचे तोड़ दिए।
सिहानी में बड़े पैमाने पर कब्जा हटाया
सिहानी गांव में खसरा संख्या 206, 209 और 211 पर 32 बीघा से अधिक भूमि, जिसकी कीमत लगभग 160 करोड़ रुपए आंकी गई है, अवैध रूप से घिरी मिली। जांच में सामने आया कि कुछ व्यक्तियों ने इस जमीन पर व्यावसायिक गतिविधियां चलाकर लाखों रुपए कमाए थे। मेयर ने कोर्ट के स्टे के बावजूद विधिक कार्रवाई तेज करने के निर्देश दिए और बुलडोजर से अवैध निर्माण ध्वस्त कराए।
सुदामापुरी में 30 करोड़ की जमीन मुक्त
सुदामापुरी इलाके में डबल टंकी, सिंगल टंकी, निगम आश्रय स्थल और मंदिर के आसपास लगभग चार बीघा भूमि, जिसकी कीमत 30 करोड़ रुपए है, अवैध कब्जे से मुक्त कराई गई। मेयर ने कब्जाधारियों को दो दिन की अंतिम चेतावनी दी और कहा कि यदि स्वयं कब्जा हटाया नहीं गया तो सभी अवैध निर्माण बुलडोजर से ध्वस्त कर दिए जाएंगे।
मेयर सुनीता दयाल ने निर्देश दिए कि पैमाइश पूरी होने के बाद निगम इन भूखंडों पर नियोजित विकास कार्य शुरू करे। इस कार्रवाई से गाजियाबाद के इन इलाकों में हड़कंप मच गया और यह संदेश गया कि सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।