
नई दिल्ली/पटना, 19 नवंबर। बिहार में नई सरकार के गठन की उलटी गिनती शुरू होते ही एनडीए के भीतर मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर हलचल बढ़ गई है। स्पीकर पद और गृह विभाग को लेकर जेडीयू और बीजेपी के बीच खींचतान सामने आ रही है। मंत्रियों की सूची लगभग तय मानी जा रही है, लेकिन इन दो अहम पदों पर अंतिम सहमति बनना अभी बाकी है।
एनडीए विधायक दल की बैठक आज
बुधवार को पटना में एनडीए विधायक दल की संयुक्त बैठक होगी, जिसमें नई सरकार के नेतृत्व की औपचारिक घोषणा की जाएगी। मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई संशय नहीं है—नीतीश कुमार 20 नवंबर को एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
बीजेपी विधायक दल की बैठक भी आज ही होगी, जिसके लिए पार्टी के संसदीय बोर्ड ने यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और साध्वी निरंजन ज्योति सह-पर्यवेक्षक होंगे।
दिल्ली में अमित शाह के साथ जेडीयू की अहम बैठक
सरकार के स्वरूप पर चर्चा के लिए जेडीयू के सीनियर नेता संजय झा और ललन सिंह मंगलवार को दिल्ली पहुंचे और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस बैठक में बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे।
करीब तीन घंटे चली इस मीटिंग में मंत्रिमंडल की संरचना, विभागों के बंटवारे और स्पीकर पद को लेकर विस्तृत बातचीत हुई।
स्पीकर पद पर जेडीयू का दावा, BJP चाहती है पुरानी व्यवस्था बरकरार
पिछली एनडीए सरकार में स्पीकर का पद बीजेपी के पास था और नंद किशोर यादव इस पद पर आसीन थे। जेडीयू के नरेंद्र नारायण यादव डिप्टी स्पीकर की भूमिका में थे।
सूत्रों के अनुसार—
- जेडीयू इस बार स्पीकर पद अपने हिस्से में चाहती है
- बीजेपी इसे अपने पास ही बनाए रखने के पक्ष में है
इस मुद्दे पर दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं के बीच बातचीत जारी है।
गृह विभाग पर सबसे बड़ी रस्साकशी
बिहार में गृह विभाग की जिम्मेदारी हमेशा से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पास रखी है। कानून-व्यवस्था बड़ा मुद्दा होने के कारण इस विभाग का महत्व और बढ़ जाता है।
हालांकि, एनडीए के इस कार्यकाल में बीजेपी गृह विभाग पर दावा ठोक रही है, जबकि जेडीयू चाहती है कि इसे मुख्यमंत्री के पास ही रहने दिया जाए।
मंत्रियों का फार्मूला सेट— JDU पुराने चेहरे रखेगी, BJP देगी नए चेहरे
सूत्रों के मुताबिक, एनडीए के भीतर मंत्रियों की संख्या को लेकर सहमति बन गई है और यह तय फॉर्मूले पर आधारित है—
- सबसे ज्यादा मंत्री बीजेपी के होंगे
- दूसरे नंबर पर जेडीयू
- लोजपा (रामविलास) के 3–4 मंत्री
- हम से 1 मंत्री
- उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी से भी 1 मंत्री शामिल होने की संभावना
जेडीयू अपने अधिकांश पुराने मंत्रियों को ही फिर से शामिल कर सकती है, जबकि बीजेपी कुछ नए चेहरों को मौका देने की तैयारी में है।