
जयपुर, 18 नवंबर। राजस्थान की शान, ‘पिंक सिटी’ के नाम से दुनिया में मशहूर जयपुर आज अपना 298वां स्थापना दिवस मना रहा है। 18 नवंबर 1727 को महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने गंगापोल गेट के पास इस अद्वितीय शहर की नींव रखी थी। नौ वर्षों तक चली सुनियोजित निर्माण प्रक्रिया ने जयपुर को दुनिया का पहला ‘वेल-प्लान्ड सिटी’ बनाया—एक ऐसा शहर जिसकी हर गली-पथ story कहती है और जिसकी वास्तुकला आज भी कला व इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना मानी जाती है।
पिंक सिटी बनने की दिलचस्प कहानी
जयपुर की पहचान उसके गुलाबी रंग की दीवारों से है, लेकिन यह रंग क्यों चढ़ाया गया—इसके पीछे एक ऐतिहासिक किस्सा है।
वर्ष 1876 में वेल्स के राजकुमार (बाद में किंग एडवर्ड सप्तम) जयपुर आने वाले थे। उनके स्वागत को भव्य बनाने के लिए तत्कालीन महाराजा ने पूरे शहर को मेहमान-नवाज़ी के प्रतीक गुलाबी रंग से रंगने का आदेश दिया।
शहर की हवेलियां, किले, दीवारें—सब गुलाबी रंग में नहाए और तभी से जयपुर ‘पिंक सिटी’ के नाम से दुनिया भर में अपनी अलग पहचान बनाने लगा। यह परंपरा आज तक कायम है।
सुरक्षा के लिए बनाया गया 60 फीट ऊंचा परकोटा
सवाई जयसिंह द्वितीय ने शहर को सिर्फ सुन्दर ही नहीं, सुरक्षित भी बनाया।
आक्रांताओं से बचाव के लिए उन्होंने जयपुर को चारों ओर से लगभग 60 फीट ऊंचे परकोटे से घेर दिया। यह सुरक्षा व्यवस्था उस समय की सैन्य रणनीति का उत्कृष्ट उदाहरण थी।
परकोटे में सात मुख्य द्वार बनाए गए—
गंगापोल, चांदपोल, सूरजपोल, किशनपोल, ध्रुवपोल, शिवपोल और रामपोल—जो जयपुर की रक्षा व्यवस्था के मजबूत स्तंभ बने।
आमेर से जयपुर तक राजधानी का सफर
आधारशिला रखे जाने के बाद करीब नौ वर्षों में (1736 तक) जयपुर में भव्य निर्माण कार्य पूरे हो गए।
सिटी पैलेस, चारदीवारी, विशाल दरवाजे और नई बसावट तैयार होने के बाद राजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने अपनी राजधानी आमेर से जयपुर स्थानांतरित कर दी।
यह निर्णय उस आधुनिक शहर की तरफ बड़ा कदम था जो आगे चलकर विश्व मानचित्र पर विशिष्ट पहचान बनाने वाला था।
दुनिया का पहला ‘वेल-प्लान्ड’ शहर
जयपुर को विश्व का पहला ‘वेल-प्लान्ड सिटी’ कहा जाता है।
इसकी खासियत—
- शहर को नौ भागों में विभाजित कर वैज्ञानिक और ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर बसाया गया।
- हर मुख्य मार्ग से जुड़ती गलियां, सममित (symmetrical) डिजाइन और सुव्यवस्थित बाजार जयपुर की शहरी योजना की सुंदर मिसाल हैं।
- हर गली और बाजार अपने भीतर इतिहास, संस्कृति और व्यापार की अलग कहानी समेटे हुए है।
आज 298 वर्षों बाद भी जयपुर अपनी ऐतिहासिक शान, सांस्कृतिक धरोहर और आधुनिकता के संगम से दुनियाभर के लोगों को आकर्षित करता है।
पिंक सिटी का रंग और रौशनियत सालों से जस की तस कायम है—और यही इसकी अमिट पहचान है।