Saturday, November 15

अंता उपचुनाव में तीसरे मोर्चे की बड़ी दस्तक, बेनीवाल बोले – BJP का धड़ा कांग्रेस के साथ था

राजस्थान में अंता विधानसभा उपचुनाव के परिणामों के बाद हनुमान बेनीवाल और उनके समर्थकों द्वारा तीसरे मोर्चे के उभार को लेकर बड़े दावे किए जा रहे हैं। आरएलपी (राजस्थान लोक दल) के प्रमुख और सांसद हनुमान बेनीवाल ने उपचुनाव के नतीजों के बाद सोशल मीडिया पर यह दावा किया कि हाड़ौती क्षेत्र में तीसरे मोर्चे का प्रभाव मजबूत हुआ है। उनका कहना था कि तीसरे मोर्चे के उम्मीदवार ने केवल 100 वोटों के अंतर से भाजपा को हराया, और भाजपा का एक धड़ा कांग्रेस के उम्मीदवार के साथ खड़ा था।

नरेश मीणा का था निर्दलीय समर्थन
उपचुनाव में नरेश मीणा ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपनी किस्‍मत आजमाई थी। नरेश मीणा, जो पहले कांग्रेस से टिकट मांग चुके थे लेकिन टिकट न मिलने पर तीसरे मोर्चे के समर्थन की ओर बढ़े, को हनुमान बेनीवाल ने खुले तौर पर समर्थन दिया। राजेंद्र सिंह गुढ़ा (पूर्व मंत्री) और आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी नरेश मीणा के समर्थन में आगे आए और उनके लिए रोड शो किया।

इन्हीं नेताओं की उपस्थिति और समर्थन के कारण इस गुट को ‘तीसरा मोर्चा’ का नाम दिया गया है। बेनीवाल ने कहा कि तीसरा मोर्चा राजस्थान की राजनीति में नया आयाम बना रहा है और यह आने वाले समय में राजस्थान की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है।

तीसरे मोर्चे ने दोनों राष्ट्रीय पार्टियों को दी चुनौती
बेनीवाल ने कहा कि 2024 के उपचुनाव में कांग्रेस को मिली हार और अंता उपचुनाव के परिणाम ने साबित कर दिया है कि तीसरा मोर्चा अब राजनीति में मजबूती से उभर रहा है। नरेश मीणा ने करीब 55,000 वोट प्राप्त किए और भाजपा से केवल 100 वोटों के अंतर से पीछे रहे। इससे यह साबित होता है कि तीसरा मोर्चा दोनों प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियों – भा.ज.पा. और कांग्रेस – को कड़ी चुनौती दे रहा है।

बेनीवाल का कहना है कि आने वाले चुनावों में तीसरा मोर्चा दलित, शोषित, और पिछड़े वर्ग के लोगों को एकजुट करके मजबूती से चुनाव लड़ेगा और राजस्थान की जनता तीसरे मोर्चे को अपना आशीर्वाद देगी।

सत्ताधारी दल को दिखाया आईना
बेनीवाल ने यह भी आरोप लगाया कि इस उपचुनाव में कांग्रेस का उम्मीदवार धनबल के सहारे चुनाव जीतने में सफल रहा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के प्रत्याशी की बड़ी रकम चुनाव प्रक्रिया में पकड़ी गई थी, और निर्वाचन अधिकारियों ने इस मामले को अपने संज्ञान में लिया था, लेकिन सत्ताधारी भाजपा ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। बेनीवाल का कहना था कि यह साबित करता है कि सत्ता में बैठे कुछ लोग कांग्रेस के साथ खड़े थे।

निष्कर्ष
अंता उपचुनाव का परिणाम राजस्थान की राजनीति में एक नया मोर्चा खोलता हुआ प्रतीत होता है। हनुमान बेनीवाल और नरेश मीणा के नेतृत्व में तीसरे मोर्चे का उभार भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए चिंता का कारण बन सकता है। आगामी चुनावों में यह मोर्चा राज्य में एक मजबूत विपक्ष के रूप में उभरने की संभावना दिखाता है।

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