
नई दिल्ली। देश में लोन लेने की आदत अब जीवनशैली का हिस्सा बन गई है। एक तरफ जहां अमीर वर्ग लोन का इस्तेमाल संपत्ति निर्माण के लिए कर रहा है, वहीं मिडिल क्लास और युवा पीढ़ी इसका उपयोग लक्जरी और दिखावे पर कर रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वित्तीय दृष्टि से बेहद खतरनाक प्रवृत्ति है।
चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन कौशिक (CA Nitin Kaushik) ने हाल ही में एक वायरल पोस्ट के ज़रिए बताया कि भारत में लोग तेजी से उधार लेकर खर्च करने या निवेश करने की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने चेताया कि बिना सोच-समझे लिए गए लोन कर्ज के जाल में फंसा सकते हैं।
3 लाख करोड़ रुपये से अधिक पर्सनल लोन
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार, साल 2023 से मई 2025 के बीच भारतीयों ने 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक पर्सनल लोन लिए हैं। इन उधारकर्ताओं में अधिकतर युवा और नौकरीपेशा लोग हैं। इसी अवधि में डीमैट खातों की संख्या 19 करोड़ के पार चली गई, जो बताती है कि रिटेल निवेशक बड़े पैमाने पर शेयर बाजार में सक्रिय हो चुके हैं।
विशेषज्ञों को डर है कि आसान लोन और तेज़ मुनाफे की चाह नई पीढ़ी को आर्थिक रूप से कमजोर और अस्थिर बना सकती है।
हर चीज़ ईएमआई पर — कर्ज बन गया जीवन का हिस्सा
नितिन कौशिक ने अपने लेख में लिखा, “आज किसी भी शोरूम में जाइए — कार, मोबाइल या फर्नीचर — बहुत कम लोग हैं जो पूरा भुगतान एकमुश्त करते हैं। लगभग 70% आईफोन और 80% कारें ईएमआई पर खरीदी जाती हैं। यह दिखाता है कि कर्ज अब एक आदत बन चुका है, न कि वित्तीय योजना।”
अमीर बनाते हैं संपत्ति, मिडिल क्लास बढ़ा रहा बोझ
कौशिक के अनुसार, “कर्ज खुद में बुरा नहीं है, गलत है उसका इस्तेमाल करने का तरीका।”
अमीर वर्ग लोन लेकर ऐसे एसेट्स (जैसे रियल एस्टेट, बिजनेस या प्रोडक्टिव इन्वेस्टमेंट) में पैसा लगाता है, जो आगे आय उत्पन्न करते हैं।
वहीं मिडिल क्लास अक्सर कर्ज का इस्तेमाल कार, मोबाइल, महंगी लाइफस्टाइल या विदेश यात्रा जैसी चीजों पर करता है, जिनकी कीमत समय के साथ घटती जाती है।
‘अच्छा कर्ज’ क्या है?
कौशिक ने बताया कि अच्छा कर्ज वह है जो आपकी क्षमता या संपत्ति बढ़ाने में सहायक हो, जैसे—
- शिक्षा लोन, जिससे स्किल और कमाई की क्षमता बढ़े।
- घर के लिए लोन, जो भविष्य में पूंजी बन सके।
- व्यवसाय विस्तार हेतु लोन, जिससे कैश फ्लो मजबूत हो।
वहीं, दिखावे और भावनाओं में लिया गया कर्ज व्यक्ति को आर्थिक तनाव की ओर धकेल देता है।