
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है, जिससे देशभर के केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के बीच उत्साह का माहौल है। हालांकि, उन्हें इसके वास्तविक लाभ के लिए अब भी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। अनुमान है कि आयोग की सिफारिशें 2027 के अंत या 2028 की शुरुआत तक ही लागू हो पाएंगी।
सरकार ने हाल ही में आयोग के लिए नियम और शर्तें (Terms of Reference – ToR) को मंजूरी दी है। यह आयोग न्यायमूर्ति रंजन प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में गठित किया गया है, जिसे अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए 18 महीने का समय दिया गया है। यानी आयोग अप्रैल 2027 तक अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा।
पिछले वेतन आयोगों से सबक
- 6वां वेतन आयोग अक्टूबर 2006 में गठित हुआ और मार्च 2008 में रिपोर्ट सौंपी गई। सरकार ने इसे अगस्त 2008 में मंजूरी दी थी — यानी लगभग 22 महीने का समय लगा।
- 7वां वेतन आयोग फरवरी 2014 में गठित हुआ और नवंबर 2015 में रिपोर्ट सौंपी। सरकार ने जून 2016 में इसे मंजूरी दी — यानी करीब 28 महीने की प्रक्रिया चली।
इन्हीं अनुभवों को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें भी 2028 से पहले लागू होना कठिन है।
देरी की बड़ी वजह
8वें वेतन आयोग की घोषणा 16 जनवरी 2025 को की गई थी, लेकिन इसके ToR को स्वीकृति मिलने में 9 महीने से अधिक का समय लग गया। इसे 28 अक्टूबर 2025 को ही अंतिम मंजूरी मिल सकी। अब आयोग को रिपोर्ट तैयार करने के लिए 18 महीने का समय दिया गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद उसकी समीक्षा, मंत्रालयों में परीक्षण और अंततः कैबिनेट की मंजूरी की प्रक्रिया में अतिरिक्त 6 से 10 महीने और लग सकते हैं।
इस प्रकार, अगर सब कुछ तय समय पर हुआ तो केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 8वें वेतन आयोग का लाभ वर्ष 2028 में मिलने की संभावना है।