
जबलपुर, 31 अक्टूबर, 2025।
मध्यप्रदेश अपने गौरवशाली इतिहास और विकास यात्रा के साथ आज स्थापना के 70वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह अवसर केवल उत्सव का नहीं, बल्कि विकास, निवेश, नवाचार और रोज़गार के नए संकल्पों का “अभ्युदय” है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक नवंबर 1956 को अस्तित्व में आया मध्यप्रदेश विगत दो दशकों में तेजी से प्रगति पथ पर अग्रसर हुआ है। उन्होंने कहा कि यह सुखद संयोग है कि देवउठनी ग्यारस जैसे पवित्र अवसर पर राज्योत्सव का आयोजन हो रहा है। हमारी संस्कृति, परंपरा और उत्सव हमारी पहचान हैं, और इन्हीं से भविष्य निर्माण की प्रेरणा मिलती है।
डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश भारत का हृदय है, जो वन, जल, अन्न, खनिज, शिल्प, कला और संस्कृति से समृद्ध है। यह मां नर्मदा, चंबल, शिप्रा, पार्वती जैसी नदियों का प्रदेश है और बाबा महाकाल का आशीर्वाद प्राप्त है। यही भूमि भगवान परशुराम की जन्मस्थली, श्रीकृष्ण की शिक्षास्थली, और आदि शंकराचार्य की तपोभूमि रही है। सम्राट विक्रमादित्य, राजा नल और भर्तृहरि जैसे महापुरुषों की यह धरती गौरवशाली इतिहास की साक्षी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है। उनके मार्गदर्शन में विकसित भारत निर्माण का संकल्प मध्यप्रदेश में साकार किया जा रहा है। राज्योत्सव की थीम ‘उद्योग और रोज़गार’ रखी गई है, जो सतत विकास, सांस्कृतिक समृद्धि और जनभागीदारी का प्रतीक है।
डॉ. यादव ने बताया कि रीजनल इन्वेस्टर्स समिट के नवाचार से प्रदेश में निवेश को नई दिशा मिली है। मार्च 2024 से प्रारंभ निवेश यात्रा ने उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, रीवा, नर्मदापुरम, मुंबई, बेंगलुरु, पुणे, दिल्ली, यूके, जर्मनी, जापान और दुबई तक विस्तार पाया है। इसके परिणामस्वरूप 56 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
प्रदेश में आईटी पार्क, इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग, नवीकरणीय ऊर्जा, खनिज उद्योग और स्टार्टअप इनोवेशन हब जैसी योजनाओं से उद्योग जगत को नया बल मिला है। “मध्यप्रदेश स्टार्टअप नीति 2025” और कौशल विकास मिशन के माध्यम से युवाओं को “जॉब सीकर से जॉब क्रिएटर” बनने की प्रेरणा दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शासकीय भर्ती कैलेंडर जारी कर पारदर्शिता के साथ युवाओं को रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। साथ ही अप्रेंटिसशिप, डिजिटल स्किल प्रमाणन और रोज़गार मेलों से युवाओं को निजी और औद्योगिक क्षेत्रों से जोड़ा जा रहा है।
कृषि क्षेत्र में ड्रोन आधारित निरीक्षण, स्मार्ट सिंचाई प्रणाली, और मुख्यमंत्री खेत-तालाब योजना जैसे प्रयासों से किसानों को सशक्त बनाया जा रहा है। केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना से सिंचाई क्षेत्र का रकबा 100 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य रखा गया है।
महिला सशक्तिकरण के लिए लाड़ली बहना योजना और नारी शक्ति मिशन ने परिवर्तनकारी भूमिका निभाई है। महिला उद्यमिता नीति से लघु उद्योग, डेयरी, हस्तशिल्प और सेवा क्षेत्र में महिलाओं को अवसर मिले हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “गौ-धन हमारी अर्थव्यवस्था का स्थायी स्तंभ बने” — इस विचार से मुख्यमंत्री गौ-संवर्धन मिशन के अंतर्गत प्रदेशभर में गौ-अभयारण्य और सेवा केंद्र स्थापित किए गए हैं।
डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश की यह स्वर्णिम यात्रा ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के सूत्र से आगे बढ़ रही है। गरीब के चेहरे की मुस्कान, किसान की खुशहाली, नारी का सम्मान और युवा का उज्ज्वल भविष्य हमारा संकल्प भी है और लक्ष्य भी।
अंत में मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया—
“आइए, हम सब मिलकर आत्मनिर्भर और विकसित मध्यप्रदेश के निर्माण में सहभागी बनें।”
— डॉ. मोहन यादव, मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश सरकार