
नई दिल्ली: कुछ लोग लड़कियों को हमेशा यही कहते रहते हैं कि ये काम तुम्हारे लिए नहीं हैं। लेकिन विंग कमांडर व्योमिका सिंह और उनके पिता ने इस सोच को गलत साबित कर दिया। साल 2025 में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान व्योमिका ने भारतीय वायु सेना की ताकत का लोहा पूरी दुनिया को दिखाया।
ऑपरेशन सिंदूर में मजबूती का परिचय
विंग कमांडर व्योमिका सिंह भारतीय वायु सेना की सीनियर ऑफिसर हैं। ऑपरेशन सिंदूर की सैन्य प्रेस ब्रीफिंग में उन्होंने आत्मविश्वास और दक्षता का उदाहरण पेश किया। वे भारतीय सुरक्षा तंत्र के मजबूत स्तंभ मानी जाती हैं। व्योमिका की यह सफलता उनकी मेहनत, साहस और अनुशासन का परिणाम है।
“जा बेटी खेल…” पिता के शब्द बने प्रेरणा
एक इंटरव्यू में व्योमिका ने बताया कि उनके पिता आरएस निम ने उन्हें फुटबॉल, स्केट और क्रिकेट बॉल गिफ्ट करते हुए कहा था—“जा बेटी खेल”। इन शब्दों ने उनके जीवन का रुख बदल दिया। जब भी किसी ने कहा कि आप लड़की हैं, आप यह नहीं कर सकतीं, व्योमिका ने उन्हें गलत साबित करने की ठानी।
आकाश छूने का सपना
स्कूल में एक टीचर ने उनकी बुक में लिखा था—“तुम व्योम छूने के लिए बनी हो”। तभी से उनके मन में पायलट बनने का सपना पलने लगा। बीटेक की पढ़ाई के बाद व्योमिका ने UPSC परीक्षा पास की और 18 दिसंबर 2004 को 21वें शॉर्ट सर्विस कमीशन के रूप में भारतीय वायु सेना में शामिल हुईं।
वायुसेना में शानदार करियर
व्योमिका ने 2017 में विंग कमांडर पद हासिल किया और 2019 में स्थायी कमीशन प्राप्त किया। 2024 में हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में उनका कमीशन हुआ। उन्होंने जम्मू-कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश के कठिन इलाकों में चीता और चेतक हेलीकॉप्टरों में 2500 घंटे से अधिक उड़ान भरी और कई बचाव एवं राहत अभियानों का नेतृत्व किया।
महिला शक्ति का उदाहरण
व्योमिका सिंह 2021 में हिमाचल प्रदेश के माउंट मनीरंग (21,630 फीट) पर आयोजित महिला त्रि-सेवा पर्वतरोहण अभियान में भी शामिल रही। उनका साहस, नेतृत्व और समर्पण देश की बेटियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह की कहानी यह साबित करती है कि सही समर्थन, आत्मविश्वास और कठिन परिश्रम से कोई भी सपना सच किया जा सकता है।