Wednesday, December 31

विदेश में पढ़ाई से पहले जान लें ये 5 बातें, जर्मनी में PhD करने वाले भारतीय ने दी 100% काम की सलाह

 

This slideshow requires JavaScript.

नई दिल्ली: विदेश में पढ़ाई का सपना हर भारतीय छात्र देखता है, लेकिन हर किसी के लिए यह सही विकल्प नहीं होता। जर्मनी से पीएचडी करने वाले एक भारतीय छात्र ने अपने अनुभव के आधार पर बताया कि किन हालातों में विदेश में पढ़ाई करना वाकई फायदेमंद होता है।

 

दुनिया भर में 150 से अधिक देशों में 18 लाख से ज्यादा भारतीय पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें से कुछ बैचलर्स, कुछ मास्टर्स और कुछ पीएचडी कर रहे हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि किसे वास्तव में विदेश में पढ़ाई के लिए जाना चाहिए।

 

विदेश में छात्र का अनुभव

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Reddit पर इस छात्र ने साझा किया कि आर्थिक रूप से सीमित परिवार के बावजूद उसने भारत की टियर-1 यूनिवर्सिटी से स्कॉलरशिप पाई। इसके बाद जर्मनी में पीएचडी की, जहां उसे 4 साल तक हर महीने लगभग 2100 यूरो भी मिले। इससे उसकी पढ़ाई मुफ्त हुई और कुछ पैसे भी बच गए। पीएचडी पूरी करने के बाद उसने ब्रिटेन का ग्लोबल टैलेंट वीजा लेकर परमानेंट रेजिडेंसी (PR) हासिल की।

 

विदेश में पढ़ाई से पहले ध्यान दें ये 5 बातें:

 

  1. सीखने और एक्सपीरियंस पाने के लिए जाएं, न कि बस स्थायी रूप से विदेश बसने के लिए।
  2. आर्थिक स्थिति मजबूत होनी चाहिए, ताकि पढ़ाई का खर्च आपको या आपके परिवार को प्रभावित न करे।
  3. टॉप टियर यूनिवर्सिटी में एडमिशन हो, जहां कोर्स की असली मांग हो।
  4. खास या असाधारण स्किल हो, जिसकी जॉब मार्केट में मांग हो।
  5. भारत में अच्छा वर्क एक्सपीरियंस और नेटवर्क हो, ताकि विदेश में जॉब पाना आसान हो।

 

इस छात्र ने चेतावनी दी कि टियर-2 या टियर-3 यूनिवर्सिटी से डिग्री लेने के बाद जॉब पाना मुश्किल है। कई छात्रों ने लाखों रुपये खर्च किए, लेकिन जॉब न मिलने के कारण वे आर्थिक रूप से परेशान हैं।

 

विदेश में पढ़ाई का सपना केवल तभी सफल होता है, जब सही तैयारी, सही स्किल और सही प्लानिंग के साथ कदम रखा जाए।

 

Leave a Reply