
ढाका/दुबई: बांग्लादेश को हिला देने वाले उस्मान हादी हत्याकांड के मुख्य आरोपियों में से एक फैसल करीम मसूद पहली बार सामने आए हैं। मंगलवार को सोशल मीडिया पर जारी वीडियो संदेश में मसूद ने हादी की हत्या में किसी भी तरह की भागीदारी से इनकार किया और कहा कि वह फिलहाल दुबई में है। उन्होंने दावा किया कि हादी की हत्या जमात-ए-इस्लामी और उसकी छात्र शाखा छात्र शिबिर से जुड़े लोग कर सकते हैं।
फैसल का बयान:
मसूद ने कहा, “मैंने हादी को केवल व्यापारिक संबंधों के लिए राजनीतिक चंदा दिया था, किसी आपराधिक गतिविधि के लिए नहीं। मैंने हादी को नहीं मारा और मुझे और मेरे परिवार को फंसाया जा रहा है। हादी जमात का आदमी था और इसके पीछे जमाती लोग हो सकते हैं।” उन्होंने आगे बताया कि हादी से उनका संपर्क सरकारी ठेकों के वादों के कारण था।
हत्या का घटनाक्रम:
जुलाई 2024: शेख हसीना विरोधी छात्र आंदोलन के प्रमुख चेहरा उस्मान हादी को 12 दिसंबर को ढाका में गोली मार दी गई।
गंभीर हालत में उन्हें सिंगापुर ले जाया गया, लेकिन 18 दिसंबर को हादी की मौत हो गई।
इसके बाद बांग्लादेश में हिंसा भड़क उठी, जिसमें प्रमुख मीडिया हाउस के दफ्तर जला दिए गए और भारतीय मिशन पर पत्थरबाजी हुई। तनाव के चलते भारतीय वीज़ा सेंटर को बंद करना पड़ा।
बांग्लादेश पुलिस का दावा और भारत की सफाई:
बांग्लादेश पुलिस ने कहा कि मुख्य आरोपी फैसल करीम मसूद और आलमगीर शेख भारत में घुस गए हैं। उनके अनुसार, दो भारतीय नागरिकों ने उन्हें मेघालय तक पहुंचाया।
हालांकि, BSF के IG जनरल ओपी उपाध्याय ने इस दावे को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “कोई सबूत नहीं है कि किसी ने हालुआघाट सेक्टर से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करके मेघालय में प्रवेश किया हो। न तो BSF ने ऐसा देखा है और न ही कोई रिपोर्ट मिली है।”