
नई दिल्ली: मतदाता सूचियों के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) में शामिल लोगों की डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन प्रक्रिया अब और आसान होगी। चुनाव आयोग ने 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEOs) को चार सूत्री दिशानिर्देश भेजे हैं, ताकि नाम कटने वाले मतदाताओं की जांच और सुनवाई जल्द और सुलभ तरीके से पूरी हो सके।
डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन का 4 सूत्री एजेंडा:
- ERO नोटिस के तहत दस्तावेज अपलोड: मतदाता जिनको पात्रता साबित करने के लिए दस्तावेज जमा करना होगा, वे अपने दस्तावेज BLO ऐप के जरिए सीधे ERO को अपलोड करेंगे।
- DEO द्वारा 5 दिनों में वेरिफिकेशन: जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO) को दस्तावेज ECINET पर प्राप्त होने के 5 दिनों के भीतर सत्यापित करना होगा।
- दूसरे जिलों के दस्तावेज: यदि दस्तावेज किसी अन्य जिले से जारी है तो DEO इसे संबंधित जिला अधिकारी को भेजकर वेरिफाई कराएगा।
- दूसरे राज्य के दस्तावेज: यदि दस्तावेज किसी अन्य राज्य से आया है तो DEO इसे अपने प्रदेश के CEO के जरिए संबंधित राज्य के अधिकारियों को भेजकर तुरंत वेरिफाई करवाएगा।
नाम कटे मतदाताओं की चिंता दूर होगी
इन उपायों से उन मतदाताओं की चिंता कम होगी जिनका नाम पिछले SIR में ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से हट गया था। ऐसे मतदाता नोटिस के आधार पर सुनवाई और दस्तावेज जमा करने के लिए बुलाए जाएंगे।
अभी तक 3.7 करोड़ मतदाता प्रभावित
ड्राफ्ट लिस्ट में सबसे ज्यादा नाम तमिलनाडु में कटे हैं—6.4 करोड़ मतदाताओं में से 97 लाख। इसके बाद गुजरात में 73 लाख और पश्चिम बंगाल में 58 लाख नाम हटाए गए हैं। कुल मिलाकर 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 51 करोड़ मतदाताओं की सूची में से 36 करोड़ मतदाताओं की समीक्षा हुई, जिसमें 3.7 करोड़ मतदाताओं के नाम कटे। उत्तर प्रदेश की ड्राफ्ट सूची 6 जनवरी, 2026 को जारी होगी, जिससे ये संख्या और बढ़ सकती है।
मतदाता ध्यान दें:
नाम हटने के पीछे कारणों में मृत्यु, पते का बदलाव, डुप्लीकेट नाम या अधूरे दस्तावेज शामिल हैं। ऐसे मतदाता नोटिस मिलने पर पहचान और नागरिकता दस्तावेज के साथ उपस्थित होकर अपनी बात रख सकते हैं।