
अजमेर: बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदू समुदाय के खिलाफ जारी हिंसा के मद्देनजर अजमेर शरीफ दरगाह से शांति और भाईचारे की अपील की गई। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के खादिम सलमान चिश्ती ने इस मुद्दे पर गहरी चिंता जताते हुए पूरी दुनिया से इंसानियत के पक्ष में खड़े होने की अपील की। उन्होंने कहा कि किसी भी देश में निर्दोष लोगों पर अत्याचार मानवता के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
सलमान चिश्ती ने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज का संदेश हमेशा बिना शर्त मोहब्बत, करुणा, शांति और आपसी भाईचारे का रहा है। यही कारण है कि अजमेर दरगाह आज भी अलग-अलग धर्म, जाति और देशों के लोगों को एक साथ जोड़ती है। चाहे बांग्लादेश हो या दुनिया के किसी अन्य हिस्से में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा, आतंक और नफरत को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
खादिम ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की और सभी देशों के राष्ट्राध्यक्षों से अपील की कि वे ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं। उन्होंने कहा, “शांति केवल बयानों से नहीं बल्कि प्रभावी कार्रवाई से कायम होती है।”
सलमान चिश्ती ने ख्वाजा गरीब नवाज के सालाना उर्स के अवसर पर विशेष दुआ की और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ठोस कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाला वर्ष 2026 दुनिया के लिए नई शुरुआत लेकर आएगा और नफरत को पीछे छोड़कर इंसानियत, एकता और शांति को प्राथमिकता दी जाए।