
कुशीनगर: उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों ब्राह्मण विधायकों की बैठक सुर्खियों में है। इस बैठक को लेकर पार्टी में विवाद भी पैदा हुआ था, लेकिन कुशीनगर के भाजपा विधायक पंचानंद पाठक (पीएन पाठक) ने इसे लेकर अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया है।
पीएन पाठक का बयान
पीएन पाठक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया कि सनातन परंपरा में ब्राह्मण को समाज का मार्गदर्शक, विचारक और संतुलनकर्ता माना गया है। उन्होंने कहा, “जहां ब्राह्मण एकत्र होता है, वहां ज्ञान, विवेक और चिंतन का मंथन होता है, जो हिंदू अस्मिता को सशक्त बनाता है। इसका धर्म समाज को जोड़ना है, विभाजन नहीं।“
बैठक उनके आवास पर आयोजित हुई थी। तस्वीरें और खबरें सामने आने के बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई। इस बैठक में शामिल विधायकों को नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी ने सख्त चेतावनी भी दी थी।
विवाद और चर्चा
पीएन पाठक का बयान पंकज चौधरी की चेतावनी के जवाब के रूप में देखा जा रहा है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी इस मामले में टिप्पणी की थी, जिसके बाद पीएन पाठक ने स्पष्ट किया कि बैठक का उद्देश्य एकता और संवाद था, इसे किसी भी प्रकार की गुटबंदी के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए।
निष्कर्ष
इस बयान से स्पष्ट हो गया कि भाजपा में अनुशासन और पार्टी लाइन के बीच संतुलन बनाए रखना पार्टी नेताओं के लिए महत्वपूर्ण है। पीएन पाठक ने अपने बयान से यह संदेश दिया कि सामाजिक एकता और विचारों का मंथन पार्टी और समाज दोनों के लिए अहम है।