
भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार अवैध कॉलोनियों पर रोक लगाने के लिए “मप्र कॉलोनी एकीकृति अधिनियम-2026” लाने की तैयारी कर रही है। इस नए कानून के लागू होते ही शहर और गांवों में कॉलोनी बनाने के नियम एक समान हो जाएंगे और अवैध निर्माण पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
10 साल की सजा और 1 करोड़ का जुर्माना
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अधिनियम के आने के बाद अवैध कॉलोनी बनाने वाले बिल्डरों को 10 साल की कैद और 1 करोड़ रुपये का जुर्माना भुगतना होगा। शिकायत सही पाए जाने पर 45 दिन के अंदर कॉलोनी तोड़ने की कार्रवाई भी की जाएगी। वर्तमान में यह सजा 7 साल और जुर्माना 10 लाख रुपये है।
पांच साल में कॉलोनी पूरी करने का समय
नए कानून के तहत बिल्डरों को कॉलोनी विकसित करने के लिए 5 साल का समय मिलेगा। कॉलोनी पूरी होने पर उन्हें 45 दिन में कंप्लीशन सर्टिफिकेट मिल जाएगा। अगर इसमें देरी होती है, तो इसे “डीम्ड परमिशन” यानी स्वतः मंजूरी माना जाएगा।
अवैध कॉलोनियों पर 45 दिन में कार्रवाई
सरकार ने अवैध कॉलोनियों पर लोकसेवा गारंटी की तर्ज पर कार्रवाई तय की है। प्रक्रिया इस प्रकार होगी:
- नोटिस जारी: 15 दिन के भीतर बिल्डर को नोटिस भेजा जाएगा।
- मोहलत: बिल्डर को अवैध निर्माण हटाने के लिए 15 दिन का समय मिलेगा।
- सरकारी कार्रवाई और जब्ती: अगर निर्माण नहीं हटाया गया, तो सरकार 15 दिन के भीतर इसे हटाएगी और जमीन जब्त कर लेगी।
जिम्मेदारी कलेक्टर और कमिश्नर की
अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई का अधिकार कलेक्टरों और नगर निगम क्षेत्रों में कमिश्नरों को दिया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर यह अधिकार एसडीएम को भी सौंपा जा सकेगा, ताकि कार्रवाई तेजी से की जा सके।
उद्देश्य और लाभ
इस नए कानून का मुख्य उद्देश्य पूरे प्रदेश में कॉलोनी डेवलपमेंट के नियम एक समान करना और बिल्डरों के लिए सरल और पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करना है।