
कानपुर: आईआईटी कानपुर में बीटेक फाइनल ईयर के छात्र जयसिंह की आत्महत्या से परिसर में हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि बैक पेपर क्लियर न होने और प्लेसमेंट में मौका न मिलने की निराशा में छात्र ने यह दुखद कदम उठाया।
छात्र ने पहले भी कोशिश की थी
सूत्रों के अनुसार, जयसिंह ने पहले चार बार हाथ की नस काटने की कोशिश की थी। इसके बाद उसने फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। इस घटना ने संस्थान की काउंसलिंग और छात्र सहयोग व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
परिजनों और रूममेट से जुटाई जा रही जानकारी
एडीसीपी पश्चिम, कपिल देव सिंह ने बताया कि घटना के पीछे का कारण परिजनों के आने पर पता चलेगा। परिजन अगर आरोप लगाते हैं तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी। जयसिंह का रूममेट छुट्टी पर घर गया था। उससे भी जानकारी जुटाई जा रही है कि क्या छात्र ने किसी परेशानी का जिक्र किया था।
बैक पेपर और प्लेसमेंट की परेशानी
जयसिंह ने वर्ष 2020 में बीटेक, बायोलॉजिकल साइंसेज एंड बायोइंजीनियरिंग विभाग में दाखिला लिया था। चार साल का कोर्स 2024 में पूरा होना चाहिए था, लेकिन कुछ विषयों में उसकी स्थिति कमजोर रही। सूत्रों के अनुसार, बैक पेपर क्लियर न होने के कारण वह दो बार प्लेसमेंट में शामिल नहीं हो सका। यही कारण उसकी हताशा का मुख्य कारण बताया जा रहा है।
इस साल संस्थान में चौथी मौत
वर्ष 2025 में आईआईटी कानपुर में यह चौथी आत्महत्या है। इससे पहले दो छात्र और एक सॉफ्टवेयर डेवलपर ने अपनी जान दी थी। लगातार हो रही इन घटनाओं ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या संस्थान की काउंसलिंग व्यवस्था वास्तव में जरूरतमंद छात्रों तक पहुँच पा रही है।