
कई परिवारों में यह मान्यता है कि नवजात शिशु को जन्म के शुरुआती दिनों में केवल पुराने कपड़े ही पहनाए जाएं, क्योंकि नए कपड़े पहनाना अपशगुन माना जाता है। लेकिन गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. अरुणा कालरा इस धारणा को पूरी तरह गलत मानती हैं।
पुराने कपड़ों के पीछे कारण
पहले के समय में नवजात को पुराने कपड़े इसलिए पहनाए जाते थे क्योंकि बार-बार धुलने की वजह से ये कपड़े बहुत मुलायम हो जाते थे और बच्चे की नाज़ुक त्वचा के लिए सुरक्षित माने जाते थे। इसे किसी धार्मिक या अपशगुन से जोड़ना सही नहीं है।
डॉक्टर की सलाह
डॉ. कालरा बताती हैं कि आजकल बाजार में मुलायम और सुरक्षित मलमल के नए कपड़े आसानी से उपलब्ध हैं। इन्हें धूप दिखाकर और अच्छी तरह प्रेस करने के बाद बच्चे को पहनाया जा सकता है। इसलिए पुराने विश्वासों के बजाय, नए पेरेंट्स को अपने तरीके से बच्चे की परवरिश करने की आजादी दी जानी चाहिए।
नया पहनावा सुरक्षित और आरामदायक
सही कपड़े और सही देखभाल के साथ नए कपड़े पहनाना बच्चे के लिए बिल्कुल सुरक्षित है। माता-पिता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कपड़े मुलायम, साफ-सुथरे और बच्चे की त्वचा के अनुकूल हों।
डिस्क्लेमर:
यह जानकारी सामान्य जानकारी के लिए है। नवभारतटाइम्स इसकी सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता। किसी भी जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।