
पूर्वी चंपारण, बिहार: गोविंदगंज विधानसभा सीट पर मतदाता लगातार अपने पसंदीदा प्रत्याशियों के लिए वोट डाल रहे हैं। यह सीट इस बार हाई-प्रोफाइल बनी हुई है, क्योंकि त्रिकोणीय मुकाबले में LJP(R) के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी, कांग्रेस के शशि भूषण राय उर्फ गप्पू राय और जनसुराज पार्टी के कृष्णकांत मिश्रा मैदान में हैं।
अभी तक की रिपोर्ट के अनुसार, मतदान प्रतिशत 59.44% दर्ज किया गया है। महिला मतदाताओं में विशेष उत्साह देखा जा रहा है। सुरक्षा के कड़े इंतजामों के बीच मतदान जारी है।
मुख्य मुद्दे:
- गोविंदगंज की जनता के लिए बाढ़, कटाव और पलायन प्रमुख समस्याएँ हैं।
- परंपरागत रूप से ब्राह्मण बहुल क्षेत्र होने के कारण जातीय समीकरण भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
- इस सीट पर अब तक 18 बार में से 15 बार ब्राह्मण विधायक चुने गए हैं।
कैंडिडेट की रणनीति:
- कांग्रेस के गप्पू राय ने राजू तिवारी को ‘बाहरी’ बताते हुए चुनाव को ‘स्थानीय बनाम बाहरी’ और ‘गोविंदगंज बनाम गोरखपुर’ के रूप में प्रस्तुत किया है।
- LJP(R) के राजू तिवारी ने इसे खारिज करते हुए कहा कि उन्हें सभी जातियों का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने 2015 के चुनाव में मिली रिकॉर्ड जीत का हवाला भी दिया।
- जनसुराज पार्टी के कृष्णकांत मिश्रा ने पारंपरिक गठबंधनों से हटकर नया विकल्प पेश किया है। उनका दावा है कि जनता इस बार ठेकेदार और रंगदार को नहीं, बल्कि नए विकल्प को चुनेगी।
जनता का रुख:
- सब्जी मंडी और गांवों में मतदाता बंटे हुए दिखाई दे रहे हैं।
- गंडक नदी के किनारे बसे लोगों की प्राथमिक चिंता बाढ़ और पलायन है, जो उनके वोटिंग निर्णय पर असर डाल सकती है।
गोविंदगंज विधानसभा सीट का चुनाव 2025 राजनीतिक और सामाजिक दोनों दृष्टियों से बेहद अहम माना जा रहा है। मतदान का उत्साह और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच यह मुकाबला लगातार सुर्ख़ियों में बना हुआ है।