
रोहतास, बिहार: करगहर विधानसभा सीट इस बार चुनावी महाकुंभ का केंद्र बन चुकी है। भोजपुरी गायक और जनसुराज पार्टी के उम्मीदवार रितेश पांडेय और एनडीए के जेडीयू प्रत्याशी वशिष्ट सिंह के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। साथ ही महागठबंधन से कांग्रेस के संतोष मिश्रा और बसपा के उदय प्रताप सिंह भी मैदान में हैं।
अभी तक की रिपोर्ट के अनुसार, करगहर विधानसभा सीट पर 58.39% मतदान हो चुका है। मतदान के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, और जिला प्रशासन लगातार अलर्ट मोड में है।
सीट की राजनीतिक और सामाजिक पहचान:
- यह क्षेत्र पूरी तरह से ग्रामीण है, जिसमें 257 गांव शामिल हैं।
- यहां की साक्षरता दर 73.71% है, लेकिन पुरुषों (73.71%) और महिलाओं (60.92%) की साक्षरता में बड़ा अंतर है।
- करगहर विधानसभा सासाराम (अनुसूचित जाति आरक्षित) लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है, जहां अनुसूचित जातियों की भागीदारी 20.41% और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 6.4% है।
- इस सीट का कोई शहरी मतदाता नहीं है, जो इसे शुद्ध ग्रामीण राजनीति का केंद्र बनाता है।
चुनावी परिदृश्य:
- करगहर सीट पर 2020 में 59.85% मतदान हुआ था, और यह बार भी कड़ा मुकाबला होने की संभावना है।
- मतदान प्रक्रिया केवल उम्मीदवार चुनने तक सीमित नहीं है; यह विकास बनाम सामाजिक समीकरण की जंग का गवाह बन रही है।
- एनडीए अपनी पिछली जीत और लोकसभा चुनाव में मिली बढ़त को भुनाने की कोशिश कर रहा है, जबकि महागठबंधन अपनी 2020 की सफलता को दोहराने के प्रयास में है।
- जनसुराज पार्टी के आगमन से चुनाव में नया रोमांच आया है, जो पारंपरिक वोट पैटर्न को प्रभावित कर सकता है।
जनता का उत्साह और मतदान का माहौल:
- बूथों पर मतदाता उत्साह के साथ अपने पसंदीदा प्रत्याशी को चुन रहे हैं।
- करगहर की जनता यह तय करेगी कि वह निरंतरता में विश्वास रखती है या इस बार राजनीतिक बदलाव का रास्ता अपनाएगी।
करगहर विधानसभा सीट का यह मुकाबला 2025 के बिहार चुनाव का मुख्य आकर्षण बन चुका है।