Tuesday, December 30

50 लाख तक का जॉइनिंग बोनस! इंडिगो और एयर इंडिया में पायलट भर्ती को लेकर मचा घमासान

 

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नई दिल्ली: इंडिगो संकट के बाद भारतीय एयरलाइन इंडस्ट्री में पायलटों की भर्ती को लेकर हलचल बढ़ गई है। देश की दो बड़ी एयरलाइंस इंडिगो और एयर इंडिया अनुभवी पायलटों को आकर्षित करने और उन्हें बनाए रखने के लिए एक-दूसरे से टक्कर ले रही हैं।

 

इंडिगो ने DGCA को वादा किया है कि जनवरी में 100 नए पायलटों को शामिल किया जाएगा, जबकि एयर इंडिया ने अपने पायलटों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर दिए हैं। हाल ही में कई पायलट दोनों एयरलाइंस और विदेशी एयरलाइंस में नौकरी बदल रहे हैं, जिससे मौजूदा संख्या बनाए रखने के लिए हायरिंग बढ़ाई जा रही है।

 

पहली बार HR डिपार्टमेंट बैकफुट पर

 

एयरलाइन के HR विभाग ने पहली बार इतनी बड़ी घटना के बाद कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने का विरोध नहीं किया। इंडिगो और एयर इंडिया के कई अनुभवी पायलटों को ₹50 लाख तक का जॉइनिंग बोनस मिलने की खबरें हैं।

 

पायलट-तोड़ने की हो सकती है रणनीति

 

एयरलाइंस के अधिकारी कहते हैं कि नए FDTL नियमों के तहत अनुभवी पायलटों की कमी होगी, जिससे एक-दूसरे के पायलटों को लुभाने की होड़ बढ़ेगी। पहले इंडिगो ने 15 लाख से 25 लाख रुपये तक का बोनस देकर अनुभवी पायलटों को रोका था। अब एयर इंडिया और इंडिगो दोनों के बीच कैप्टन पाने की प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी।

 

पायलट-मैनेजमेंट संबंधों पर ध्यान देना जरूरी

 

पूर्व एयर इंडिया और इंडिगो वाइस-प्रेसिडेंट कैप्टन शक्ति लुंबा के अनुसार, पायलटों को बनाए रखने और आकर्षित करने के लिए मैनेजमेंट और कर्मचारियों के संबंध सुधारने होंगे। मिडिल ईस्ट और वियतनाम जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में जाने के विकल्प पायलटों के लिए खुला रहेगा।

 

सैलरी और वर्किंग कंडीशन में बदलाव

 

इंडिगो ने अगले महीने से कुछ मौजूदा अलाउंस बढ़ाए और नए अलाउंस शुरू किए हैं। एयर इंडिया भी जनवरी के पहले हफ्ते में पायलटों के लिए बड़ा कदम उठाने वाली है। दोनों एयरलाइंस के पायलट मुख्य रूप से खराब वर्किंग कंडीशन और कम सैलरी से नाखुश हैं। FDTL का उद्देश्य थकान कम करना है, लेकिन इसके कारण एयरलाइंस को ज्यादा मानवीय एम्प्लॉयर बनने की जरूरत होगी।

 

एयरक्राफ्ट इंडक्शन की तैयारी

 

नए नियमों के तहत इंडिगो में पायलटों की जरूरत बढ़ रही है। एयर इंडिया भी अगले साल नए एयरक्राफ्ट इंडक्शन के लिए तैयारी कर रही है। फिलहाल, केवल बोइंग 787 फ्लीट के पायलट ज्यादा उड़ान भरते हैं, जबकि 777 और A320 फ्लीट वाले कम उड़ते हैं। अगले साल से इसमें बदलाव की उम्मीद है, ताकि एयर इंडिया इंडिगो जैसी स्थिति में न फंसे।

 

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