
नई दिल्ली: बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का मंगलवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 80 वर्ष की थीं। खालिदा जिया का राजनीतिक जीवन चार दशकों से अधिक का रहा, जिसमें सत्ता में आना, विपक्ष में रहना और भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करना शामिल है।
1991 में पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद खालिदा जिया की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी हमेशा शेख हसीना रहीं। उनके दूसरे कार्यकाल (2001) में भारत के साथ रिश्ते उतने बेहतर नहीं रहे और उन पर भारत विरोधी बयानबाजी के आरोप लगे। बाद में विपक्ष में रहते हुए यूपीए सरकार के दौरान भारत-बांग्लादेश रिश्तों में सुधार की कोशिशें हुईं।
भारत दौरे और विवाद
नवंबर 2012 में भारत आने पर खालिदा जिया ने तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह से मुलाकात की और कहा कि वह खुले मन से आई हैं और पुराने मतभेद खत्म करने की उम्मीद रखती हैं। लेकिन बांग्लादेश लौटते ही उन्होंने फिर से शेख हसीना को भारत की कठपुतली बताने वाले बयान देने शुरू कर दिए।
साल 2013 में खालिदा जिया ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलने वाली अपनी प्रस्तावित मुलाकात रद्द कर दी। बाद में उन्होंने बताया कि उन्हें जान से मारने की धमकी मिली थी। जमात-ए-इस्लामी द्वारा 1971 के युद्ध अपराधों के दोषियों के खिलाफ आम हड़ताल की धमकी के कारण उन्होंने यह कदम उठाया।
खालिदा जिया का राजनीतिक सफर उतार-चढ़ाव से भरा रहा, लेकिन वे बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में हमेशा याद की जाएंगी।