
जैसलमेर: स्वर्णनगरी जैसलमेर इन दिनों उत्सव और रंगारंग न्यू ईयर सेलिब्रेशन की धूम में डूबी हुई है। नए साल 2026 के स्वागत को लेकर देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक शहर में पहुंच रहे हैं। क्रिसमस से लेकर नववर्ष की पूर्व संध्या तक पर्यटन सीजन अपने चरम पर है।
पर्यटकों की भारी भीड़ और जाम जैसे हालात
जैसलमेर के सोनार किला, पटवा हवेली, सालमसिंह की हवेली, नथमल हवेली और गड़ीसर लेक पर्यटकों से खचाखच भरे हुए हैं। दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों से हजारों लोग शहर का रुख कर चुके हैं। भीड़ के कारण कई जगहों पर जाम जैसी स्थिति भी बन रही है।
होटल और रिसॉर्ट हाउसफुल, रेट चौगुने
31 दिसंबर की रात को लेकर जैसलमेर में जबरदस्त भीड़ देखने को मिल रही है। अधिकांश होटल और रिसॉर्ट पूरी तरह बुक हो चुके हैं। सामान्य दिनों में 1500 रुपये में मिलने वाले कमरे अब 5000 रुपये से कम में उपलब्ध नहीं हैं। सम क्षेत्र में 200 से अधिक रिसॉर्ट्स में 7000 से अधिक टेंट लगाए गए हैं, जिनकी कीमत 15,000 से 35,000 रुपये तक है।
सम डेजर्ट में धूमधाम की तैयारी
विश्व प्रसिद्ध सम सैंड ड्यून्स पर सूर्यास्त का नजारा देखने के लिए सैलानियों की भारी भीड़ उमड़ रही है। यहां ऊंट सफारी, जीप सफारी और ड्यून बैशिंग पर्यटकों का आकर्षण बन रहे हैं। शाम ढलते ही राजस्थानी लोकगीतों, कालबेलिया और भवाई नृत्य, लाइव डीजे और बोनफायर के साथ सम डेजर्ट गुलजार हो जाता है।
गड़ीसर लेक में पर्यटकों की धूम
रेगिस्तान के बीच स्थित गड़ीसर झील भी पर्यटकों को लुभा रही है। यहां नौकायन करते हुए लोग शांति और प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव ले रहे हैं।
पैरामोटरिंग और एडवेंचर का रोमांच
थार के रेगिस्तान में पैरामोटरिंग पर्यटकों के लिए खास आकर्षण बन गई है। सुनहरे टीलों के ऊपर उड़ान भरते हुए रेगिस्तान का हवाई नजारा सैलानियों को रोमांचित कर रहा है।
राजस्थानी संस्कृति और स्वाद से सजी रातें
सम डेजर्ट के लक्जरी टेंट्स में पारंपरिक राजस्थानी स्वागत, केसरिया बालम की गूंज, दाल-बाटी-चूरमा, केर-सांगरी और बाजरे की रोटी जैसे व्यंजन सैलानियों का मन मोह रहे हैं।
पांच लाख सैलानियों के आने का अनुमान
अनुमान है कि 31 दिसंबर की शाम तक करीब पाँच लाख पर्यटक जैसलमेर पहुंचकर नए साल का स्वागत करेंगे। बढ़ती पर्यटक संख्या से पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों के चेहरे खिले नजर आ रहे हैं और स्वर्णनगरी फिर से देश-दुनिया के नक्शे पर चमक उठी है।