
नई दिल्ली: अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी और स्टॉक मार्केट में भी सबसे आगे है। इस साल अमेरिका का पब्लिक इक्विटी मार्केट 72 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जो यूरोप, चीन, हॉन्ग कॉन्ग, जापान, भारत, फ्रांस और यूके के कंबाइंड मार्केट कैप से भी ज्यादा है। यही नहीं, यह यूरोप और चीन-हॉन्ग कॉन्ग के मार्केट कैप से तीन गुना बड़ा है।
नैसडैक और NYSE की छलांग
नैसडैक का मार्केट कैप 2022 से दोगुना होकर 38 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है। वहीं, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज की मार्केट वैल्यू में 10 ट्रिलियन डॉलर की बढ़त हुई है और यह अब 32 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँच गया है।
दुनिया के अन्य प्रमुख मार्केट
चीन + हॉन्ग कॉन्ग: 20.3 ट्रिलियन डॉलर
यूरोप: 20 ट्रिलियन डॉलर
जापान: 7.7 ट्रिलियन डॉलर
भारत: 5.2 ट्रिलियन डॉलर (5वें नंबर पर)
यूके: 3.7 ट्रिलियन डॉलर
फ्रांस: 3.6 ट्रिलियन डॉलर
जर्मनी: 3 ट्रिलियन डॉलर
इसके अलावा, स्पेन (1.2 ट्रिलियन डॉलर), इटली (1.1 ट्रिलियन डॉलर), ब्राजील (0.8 ट्रिलियन डॉलर), मेक्सिको (0.5 ट्रिलियन डॉलर) और साउथ अफ्रीका (0.5 ट्रिलियन डॉलर) भी प्रमुख देशों में शामिल हैं।
निष्कर्ष:
दुनिया के स्टॉक मार्केट में अमेरिका की पकड़ इतनी मजबूत है कि किसी भी देश को इसके मुकाबले में खड़ा होना मुश्किल है। चाहे यूरोप हो, चीन हो या भारत, अमेरिका के मार्केट कैप के सामने सभी फीके लगते हैं।