Monday, December 29

जब भी बेपटरी हुआ राजस्व विभाग: मंत्रियों पर चला CM नीतीश का डंडा, अब उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा की बारी?

 

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पटना: बिहार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग हमेशा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विशेष निगरानी में रहा है। जब भी विभाग की कार्यप्रणाली में गड़बड़ी या मनमानी सामने आई, सीएम नीतीश ने तत्काल हस्तक्षेप किया। चाहे राजद के मंत्री हों या भाजपा के, सभी पर समय-समय पर मुख्यमंत्री का “डंडा” चला।

 

स्थानांतरण और नियंत्रण

जून महीने में विभागीय अधिकारियों के स्थानांतरण का नियम तय है। सामान्यतः तीन साल से एक ही जगह पर पदस्थ अधिकारियों को इधर-उधर किया जाता है। लेकिन राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में अक्सर सीएम नीतीश का हस्तक्षेप देखा गया।

 

राजद और भाजपा के मंत्री भी बने शिकार

2023 में राजद कोटे के मंत्री आलोक मेहता के आदेश पर 480 अधिकारियों के स्थानांतरण के तुरंत बाद शिकायतें सीएम तक पहुंचीं। नीतीश ने आदेश रद्द कर दिए और मंत्री की साख को ठेस पहुंची। भाजपा कोटे के मंत्री रामनारायण मंडल और रामसूरत राय भी इसी तरह सीएम के हस्तक्षेप के बाद अपने आदेश रद्द होते देख चुके हैं।

 

उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा की चुनौती

अब उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिंह और विभाग के अधिकारियों के बीच विवाद के बाद फिर से सबकी नजरें मुख्यमंत्री पर टिकी हैं। बिहार की नौकरशाही में भरोसे के लिए मशहूर नीतीश कुमार ने हमेशा अधिकारियों की बात सुनी और किसी भी मंत्री की मनमानी को रोका। अब यह देखना होगा कि उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा की स्थिति में नीतीश कुमार का निर्णय किस दिशा में जाता है।

 

निष्कर्ष

राजस्व और भूमि सुधार विभाग में सीएम नीतीश का हस्तक्षेप यह संदेश देता है कि बिहार में सुशासन और पारदर्शिता बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है। चाहे किसी भी पार्टी का मंत्री हो, नियमों और जवाबदेही के ऊपर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

 

 

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