
भोपाल। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की प्रशंसा किए जाने पर पार्टी के भीतर सियासी घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस की युवा नेत्री और पूर्व राज्यसभा सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी की बेटी निधि चतुर्वेदी ने इस बयान पर तीखी आपत्ति जताते हुए दिग्विजय सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं और कांग्रेस नेतृत्व से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
निधि चतुर्वेदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर एक लंबा पोस्ट साझा करते हुए दिग्विजय सिंह के बयान को कांग्रेस की विचारधारा के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह की बयानबाजी पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ती है और वैचारिक संघर्ष को कमजोर करती है।
‘कार्यकर्ताओं के मुंह पर तमाचा’
अपने पोस्ट में निधि चतुर्वेदी ने लिखा कि दिग्विजय सिंह का आरएसएस की तारीफ करना राहुल गांधी और उन सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं के “मुंह पर तमाचा” है, जो भाजपा और संघ की विचारधारा के खिलाफ वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह वैचारिक दोगलापन है या फिर ‘घर वापसी’ की बेचैनी।
उन्होंने कहा कि एक वरिष्ठ नेता होने के नाते दिग्विजय सिंह को पार्टी की वैचारिक लड़ाई को मजबूत करना चाहिए था, न कि विरोधी खेमे की प्रशंसा कर कार्यकर्ताओं के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचानी चाहिए थी।
मध्य प्रदेश कांग्रेस को कमजोर करने का आरोप
निधि चतुर्वेदी ने यह भी आरोप लगाया कि दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश की राजनीति में ठाकुरवाद, सामंतवाद और गुटबाजी को बढ़ावा देकर कांग्रेस को अंदर से खोखला किया है। उनके अनुसार, पिछले दो दशकों में संगठनात्मक फैसलों और नेतृत्व चयन में दिग्विजय सिंह की भूमिका के कारण कई समर्पित जमीनी नेता हाशिए पर चले गए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को जितना नुकसान विपक्ष से नहीं हुआ, उससे अधिक नुकसान अंदरूनी खींचतान और व्यक्ति-केंद्रित राजनीति से हुआ है।
पारिवारिक पृष्ठभूमि का भी किया जिक्र
निधि चतुर्वेदी ने दिग्विजय सिंह के आरएसएस की प्रशंसा को उनके “पारिवारिक डीएनए” से जोड़ते हुए दावा किया कि राघोगढ़ राजघराने का ऐतिहासिक संबंध हिंदू महासभा से रहा है। उन्होंने आरएसएस के वरिष्ठ नेता राम माधव के उस पुराने दावे का भी उल्लेख किया, जिसमें कहा गया था कि दिग्विजय सिंह के पिता बलभद्र सिंह का संबंध हिंदू महासभा से था।
कांग्रेस नेतृत्व से कार्रवाई की मांग
निधि चतुर्वेदी ने कांग्रेस हाईकमान से ‘मौन संस्कृति’ छोड़ने की अपील करते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह का यह आचरण घोर अनुशासनहीनता है। उन्होंने मांग की कि पार्टी की साख और कार्यकर्ताओं का मनोबल बचाने के लिए दिग्विजय सिंह के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
क्या था दिग्विजय सिंह का बयान
गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की एक पुरानी तस्वीर साझा करते हुए लिखा था कि किस तरह आरएसएस का एक जमीनी स्वयंसेवक देश का प्रधानमंत्री बना। उन्होंने इसे संगठन की शक्ति का उदाहरण बताया था, जिसके बाद यह विवाद खड़ा हुआ।