Monday, December 29

कदम-ताल का शोर, घोड़ों की परेड से उड़ती धूल, ठंड-कोहरे के बीच दिल्ली में बढ़ा गणतंत्र दिवस का जोश

 

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दिल्ली-एनसीआर में कड़ाके की ठंड और प्रदूषण के बीच भी राजधानी का कर्तव्य पथ देशभक्ति के जज्बे से झिलमिला उठा। गणतंत्र दिवस 2026 की परेड की तैयारियों के तहत सशस्त्र बलों के जवानों की रिहर्सल ने सर्द हवाओं और धुएँ की चादर को पीछे छोड़ दिया।

 

सशस्त्र बलों के जवानों का जोश

सवेरे-सवेरे परेड ग्राउंड पर कदमताल, ड्रम की थाप और घोड़ों की परेड से उठती धूल ने शहरवासियों को देशभक्ति का अहसास कराया। वीडियो में देखा जा सकता है कि जवान ठंड और प्रदूषण की परवाह किए बिना अपनी तैयारी में पूरी तरह जुटे हैं। इस बार की परेड में राज्यों और मंत्रालयों की झांकियां, सशस्त्र बलों के अद्भुत प्रदर्शन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां शामिल होंगी।

 

दिल्ली का प्रदूषण गंभीर

राजधानी में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। विभिन्न इलाकों में रिकॉर्ड किए गए एक्यूआई आंकड़े इस प्रदूषण की गंभीरता को दर्शाते हैं:

 

आनंद विहार: 455

विवेक विहार: 456

रोहिणी: 442

सोनिया विहार: 444

वजीरपुर: 443

अशोक विहार: 427

पंजाबी बाग: 426

चांदनी चौक: 421

बवाना: 411

डीटीयू: 410

सीआरआरआई मथुरा रोड: 388

बुराड़ी क्रॉसिंग: 397

 

इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि राजधानीवासियों के लिए सांस लेना चुनौतीपूर्ण है। इसके बावजूद, सुरक्षा बलों के जवान और आयोजक पूरी मेहनत और समर्पण के साथ परेड की तैयारी में जुटे हैं।

 

गणतंत्र दिवस का महत्व

26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ था और तभी से हर वर्ष इसे गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन हमें संविधान, लोकतंत्र और देशभक्ति की महत्ता की याद दिलाता है।

 

इस बार की परेड न केवल सुरक्षा बलों की ताकत और अनुशासन दिखाएगी, बल्कि दिल्लीवासियों के लिए देशभक्ति और गर्व का प्रतीक भी बनेगी।

 

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