Monday, December 29

नागपुर के सरकारी आयुर्वेद कॉलेज हॉस्टल में रैगिंग का खुलासा गुमनाम पत्र से टूटा डर का सन्नाटा, 19 छात्राएं हॉस्टल से निष्कासित

 

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महाराष्ट्र के नागपुर स्थित सरकारी आयुर्वेद कॉलेज एवं अस्पताल के छात्रावास में जूनियर छात्रों के साथ लंबे समय से चल रही रैगिंग का गंभीर मामला सामने आया है। गुमनाम शिकायत पत्र के आधार पर की गई जांच में 20 दिनों तक लगातार रैगिंग किए जाने की पुष्टि हुई है। कॉलेज प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए सेकंड ईयर की 19 छात्राओं को तीन महीने के लिए हॉस्टल से निष्कासित कर दिया है।

 

कॉलेज की एंटी-रैगिंग कमेटी द्वारा की गई जांच में सामने आया कि प्रथम वर्ष के छात्र भय और दबाव के माहौल में रह रहे थे। शिकायत में बताया गया था कि हॉस्टल में रात के समय रैगिंग होती थी और स्टाफ इस ओर ध्यान नहीं दे रहा था। छात्र मानसिक रूप से प्रताड़ित थे और खुलकर शिकायत करने से डर रहे थे।

 

18 दिसंबर से शुरू हुई जांच

 

कॉलेज प्रशासन को प्राप्त गुमनाम पत्र के बाद 18 दिसंबर को औपचारिक जांच शुरू की गई। इस दौरान पीड़ित छात्रों के बयान दर्ज किए गए। जांच के निष्कर्षों के आधार पर कमेटी ने 19 छात्राओं को रैगिंग में संलिप्त पाया।

 

कड़ी चेतावनी के साथ कार्रवाई

 

कॉलेज प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि निष्कासित छात्राओं को फिलहाल कक्षाएं अटेंड करने की अनुमति दी गई है, लेकिन सभी से लिखित चेतावनी ली गई है। यदि भविष्य में वे दोबारा रैगिंग जैसी गतिविधियों में शामिल पाई गईं, तो उन्हें छह महीने के लिए निलंबित या स्थायी रूप से कॉलेज से निष्कासित किया जा सकता है।

 

प्रशासन का सख्त संदेश

 

कॉलेज प्रशासन ने कहा कि रैगिंग के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई गई है और छात्रों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। साथ ही, सभी छात्रों से अपील की गई है कि किसी भी प्रकार की रैगिंग या उत्पीड़न की जानकारी तुरंत प्रशासन या एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन को दें।

 

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