
भोपाल: मध्यप्रदेश के सौंसर ब्लॉक से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें 17 एकड़ उपजाऊ जमीन के मालिक रामशंकर गवनेकर को अफसरों ने ‘भूमिहीन मजदूर’ बताकर संबल योजना का लाभ दिला दिया। मामले का खुलासा होते ही श्रम विभाग के सचिव ने संबंधित अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
अमीर ‘मजदूर’ का खेल
संबल योजना का लाभ केवल उन लोगों को मिलता है जिनके पास 1 हेक्टेयर (लगभग 2.5 एकड़) से कम जमीन हो। इसके बावजूद रामशंकर गवनेकर ने खुद को भूमिहीन श्रमिक बताकर संबल कार्ड बनवा लिया। जांच में यह भी पता चला कि उसने अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद 2 लाख रुपए की सरकारी सहायता लेने के लिए सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई।
अफसरों की मिलीभगत और लापरवाही
जांच में यह सामने आया कि रामशंकर के आवेदन की सत्यापन प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों ने बिना जांच किए उसे ‘पात्र’ घोषित कर दिया। सौंसर के जिला पंचायत सीईओ ने 15 दिन के भीतर उसे अपात्र बताया था, लेकिन फाइलों को लटकाए रखा गया और शिकायत का निराकरण नहीं किया गया।
श्रम विभाग की सख्त कार्रवाई
श्रम सचिव ने इसे भ्रष्टाचार मानते हुए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है। मध्यप्रदेश असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल ने जिला पंचायत सीईओ को पत्र लिखकर फर्जीवाड़े में शामिल अधिकारियों को तत्काल जिम्मेदार ठहराने के निर्देश दिए हैं। रामशंकर गवनेकर को भी ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया गया है। विभाग अब यह भी जांच कर रहा है कि जिले में ऐसे कितने और ‘अमीर मजदूर’ सरकारी सिस्टम की निगरानी को छलने की कोशिश कर रहे हैं।