
नई दिल्ली। भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज 101वीं जयंती पर उनके जीवन के एक अनोखे किस्से को याद किया जा रहा है। 2004 में जब वाजपेयी प्रधानमंत्री पद से मुक्त हुए, तो उन्हें लुटियंस दिल्ली में 8 कृष्ण मेनन मार्ग का बंगला आवंटित किया गया। लेकिन उन्होंने इसे बदलकर 6-ए कृष्ण मेनन मार्ग करवा दिया। इस बदलाव के पीछे केवल प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि उनके अंकशास्त्र और वास्तु विश्वास की झलक भी थी।
8 कृष्ण मेनन मार्ग को किया गया 6-ए
लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद वाजपेयी कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहे। नियमों के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्रियों को लुटियंस दिल्ली में विशेष बंगला आवंटित किया जाता है। 8 कृष्ण मेनन मार्ग पहले डीएमके नेता मुरासोली मारन का निवास था, जिनका नवंबर 2003 में निधन हो गया था।
वास्तु और अंकशास्त्र का प्रभाव
कुछ लोग इस घर को ‘जिंक्स्ड’ मानते थे क्योंकि अंक 8 को अशुभ माना जाता है। वास्तु और अंक ज्योतिष विशेषज्ञ डॉ. जेपी शर्मा के अनुसार, भारतीय अंकशास्त्र में कुछ अंक शुभ और कुछ अशुभ माने जाते हैं। वाजपेयी के लिए अंक 13 शुभ रहा था, जबकि 8 को उन्होंने या उनके करीबी अशुभ माना।
सरकारी मंजूरी से हुआ बदलाव
19 मई 2004 को पीएमओ के तत्कालीन अतिरिक्त सचिव अशोक सैकिया ने शहरी विकास मंत्रालय को पत्र लिखा। इसके बाद बंगले का नंबर 8 से बदलकर 6-ए कर दिया गया। एनडीएनसी के पूर्व सूचना निदेशक मदन थपलियाल के अनुसार, शहरी विकास मंत्रालय की मंजूरी मिलते ही बदलाव कर दिया गया।
वाजपेयी के लिए अपवाद
सुभाष चंद्र अग्रवाल द्वारा आरटीआई के तहत मिली जानकारी में यह सामने आया कि सामान्यतः सरकारी आवासों में वास्तु या अंकशास्त्र पर विचार नहीं किया जाता। लेकिन वाजपेयी के मामले में यह विशेष अपवाद बनाया गया। वाजपेयी 2004 से 2018 तक इसी बंगले में रहे।