
नई दिल्ली। भारत ने बंगाल की खाड़ी में न्यूक्लियर पावर्ड सबमरीन INS अरिघाट से इंटरमीडिएट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल K-4 का परीक्षण किया। यह मिसाइल 3,500 किलोमीटर तक दूर के टारगेट को निशाना बनाने में सक्षम है।
सूत्रों के अनुसार, यह सॉलिड-फ्यूल वाली K-4 मिसाइल दो टन तक का न्यूक्लियर पेलोड ले जा सकती है और इसे भारत के न्यूक्लियर हथियारों के समुद्री ट्रायड को मजबूत करने के लिए डिजाइन किया गया है। मिसाइल के परीक्षण से पहले कई पानी के अंदर ट्रायल्स किए जा चुके हैं, जबकि पिछले साल नवंबर में K-4 का पहला परीक्षण भी INS अरिघाट से हुआ था।
INS अरिघाट देश की दूसरी न्यूक्लियर-पावर्ड सबमरीन है, जिसे तीनों सेनाओं की स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड ऑपरेट करती है। इसके अलावा भारत 2026 में INS अरिदमन और 2027-28 में चौथी SSBN को कमीशन करेगा।
K-4 मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद भारत 5,000 किलोमीटर से अधिक रेंज वाली K-5 और K-6 मिसाइलें विकसित करेगा, जिससे अमेरिका, रूस और चीन जैसी महाशक्तियों के साथ रणनीतिक संतुलन बनाए रखना आसान होगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, SSBNs भारत की निवारक क्षमता के सबसे सुरक्षित और विश्वसनीय प्लेटफॉर्म हैं। ये मिसाइलें देश की ‘पहले इस्तेमाल न करने’ की नीति के तहत जवाबी हमलों के लिए सबसे शक्तिशाली विकल्प हैं।