
पुणे: पुणे पुलिस ने 57 वर्षीय प्रमोद राजाराम गुंडू को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि आरोपी केवल दसवीं पास होने के बावजूद लोगों का कई सालों तक फर्जी डॉक्टर बनकर इलाज करता रहा।
पुणे नगर निगम की मेडिकल ऑफिसर डॉ. वसुंधरा पाटिल ने 2 मई, 2025 को खड़क पुलिस स्टेशन में पहली शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के मुताबिक, सितंबर 2024 में पीएमसी को गुंडू के खिलाफ शिकायत मिली थी। इसके बाद ‘बोगस डॉक्टर सर्च कमेटी’ के आदेश पर डॉ. पाटिल ने प्रमोद गुंडू के पद्मा पॉली क्लिनिक, कासेवाड़ी झुग्गी बस्ती, भवनी पेठ का दौरा कर दस्तावेज जांचे।
जांच में हुआ खुलासा:
डॉ. पाटिल ने बताया कि प्रमोद गुंडू किसी भी मेडिकल काउंसिल में रजिस्टर्ड नहीं था, लेकिन अवैध रूप से लोगों को इलाज दे रहा था। कानूनी विभाग ने पुष्टि की कि उसके पास कोई अधिकृत डिग्री नहीं है, इसलिए उसके खिलाफ महाराष्ट्र मेडिकल प्रैक्टिशनर्स एक्ट 1961 की धारा 33(2) के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
पुलिस कार्रवाई:
एफआईआर के बाद पुलिस ने प्रमोद गुंडू की तलाश शुरू की। 6 नवंबर को सब-इंस्पेक्टर जयसिंह दाधे के नेतृत्व में टीम ने उसे गिरफ्तार किया। उसकी अग्रिम जमानत याचिका पुणे कोर्ट और बॉम्बे हाईकोर्ट दोनों ने खारिज कर दी थी। आरोपी को 10 नवंबर तक पुलिस हिरासत में रखा गया है।
घातक धोखा:
जांच में सामने आया कि प्रमोद गुंडू ने सालों से बिना किसी वैध डिग्री के मरीजों का इलाज किया, जिससे लोगों की सेहत के लिए खतरा पैदा हो सकता था।