
नई दिल्ली: 2026 से JEE, NEET और अन्य राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षाओं में छात्रों की पहचान के लिए लाइव फोटो और फेस रिकॉग्निशन तकनीक लागू की जाएगी। शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग ने इस कदम को परीक्षा में किसी भी तरह की गड़बड़ी रोकने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया है।
लाइव फोटो और बायोमेट्रिक सिस्टम
एनटीए (NTA) की सभी परीक्षाओं में आवेदन के समय छात्र को अपनी ताजा लाइव फोटो अपलोड करनी होगी। अब छात्र वर्षों पुरानी फोटो का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। परीक्षा केंद्र पर फेस रिकॉग्निशन और फिंगरप्रिंट स्कैन के जरिए उम्मीदवार की पहचान सुनिश्चित की जाएगी।
सरकारी ऑब्जर्वर और कड़ी निगरानी
परीक्षा केंद्रों पर ज्यादातर ऑब्जर्वर सरकारी संस्थानों से नियुक्त किए जाएंगे। सीसीटीवी और एआई जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर परीक्षा की निगरानी की जाएगी। इससे कोचिंग सेंटरों पर निर्भरता कम होगी और छात्रों की वास्तविक योग्यता का आकलन सुनिश्चित होगा।
JEE Main और Advanced डेटा का विश्लेषण
विभाग ने JEE Main से लेकर Advanced तक का डेटा लेकर यह अध्ययन किया है कि कोचिंग करने वाले और न करने वाले छात्रों की सफलता दर क्या रही। इस आधार पर परीक्षा पैटर्न में सुधार और सीट अलॉटमेंट की योजना बनाई जा रही है।
e-KYC और डिजिटल सत्यापन
इस बार e-KYC सिस्टम के जरिए उम्मीदवारों की पहचान डिजिटल तरीके से सत्यापित होगी। आधार ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल कर नाम, जन्म तिथि और फोटो की पुष्टि की जाएगी।
हर जिले में छात्राओं के लिए हॉस्टल
शिक्षा मंत्रालय हर जिले में छात्राओं के लिए हॉस्टल बनाने की योजना बना रहा है, ताकि उन्हें पढ़ाई में किसी भी तरह की परेशानी न हो। वर्तमान में महिलाओं के लिए हॉस्टल मौजूद हैं, लेकिन लड़कियों के लिए पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। वित्त मंत्रालय के सहयोग से इस दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
इस नए सिस्टम से 2026 से परीक्षाओं में पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ेगी, और योग्य छात्रों को उनकी क्षमता के आधार पर मौका मिलेगा।