
पुणे। महाराष्ट्र के पुणे से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक शख्स ने अपनी पत्नी की हत्या करने से पहले अजय देवगन की मशहूर फिल्म ‘दृश्यम’ चार बार देखी और उसी अंदाज में अपराध को अंजाम देने की साजिश रच डाली। उसने पत्नी का गला घोंटकर शव को भट्टी में जलाया, राख नदी में बहा दी और फिर खुद पुलिस के पास जाकर गुमशुदगी का ड्रामा रचता रहा। लेकिन उसकी ओवर एक्टिंग पुलिस के शक की वजह बन गई और आखिरकार सच सामने आ गया।
🔹 फिल्मी अंदाज में रचा हत्या का षड्यंत्र
पुलिस के मुताबिक, आरोपी समीर जाधव (42) पुणे के शिवणे इलाके में अपनी पत्नी अंजलि जाधव और दो बच्चों के साथ रहता था। समीर एक गैरेज चलाता था जबकि अंजलि एक प्राइवेट स्कूल में टीचर थीं। शादी के कुछ साल बाद समीर का एक अन्य महिला से अफेयर शुरू हो गया था। इसी के चलते उसने पत्नी को रास्ते से हटाने की ठान ली।
दिवाली की छुट्टियों में उसने बच्चों को पैतृक गांव भेज दिया और फिर ‘दृश्यम’ फिल्म की तर्ज पर हत्या की पूरी स्क्रिप्ट तैयार की।
🔹 गला घोंटकर शव को भट्टी में जलाया
26 अक्टूबर को समीर ने अंजलि को यह कहकर बुलाया कि वह नया गोदाम किराए पर लेने वाला है, जिसे उसे दिखाना है। वहां पहले से ही उसने लोहे की बड़ी भट्टी तैयार कर रखी थी। जैसे ही अंजलि गोदाम में पहुंची, समीर ने उसका गला घोंटकर हत्या कर दी।
इसके बाद उसने शव को भट्टी में जलाया और बची हुई राख को पास की नदी में बहा दिया ताकि कोई सबूत न बचे। फिर उसने अंजलि के मोबाइल से किसी अन्य व्यक्ति को “I Love You” का मैसेज भेजा, ताकि पुलिस को लगे कि अंजलि किसी और रिश्ते में थी।
🔹 पुलिस को गुमराह करने की कोशिश
हत्या के बाद समीर ने पत्नी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई और हर दो-तीन दिन में थाने जाकर रोने-धोने का नाटक करने लगा। वह पुलिस से बार-बार पूछता कि “मेरी पत्नी मिली या नहीं?” – ताकि खुद को बेबस और निर्दोष दिखा सके।
लेकिन उसकी नकली चिंता और अतिनाटकीय व्यवहार ने पुलिस को शक में डाल दिया।
🔹 सीसीटीवी और पूछताछ में खुला राज
जांच के दौरान पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिसमें अंजलि आखिरी बार समीर के साथ ही दिखाई दी। जब पुलिस ने समीर से सख्ती से पूछताछ की तो उसके बयान बार-बार बदलते रहे। आखिरकार दबाव में उसने पत्नी की हत्या की बात कबूल कर ली।
पुलिस उपायुक्त संभाजी कदम ने बताया कि आरोपी समीर जाधव को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामला फिलहाल वारजे-मालवाड़ी पुलिस स्टेशन में दर्ज है, जिसे आगे की जांच के लिए राजगढ़ पुलिस स्टेशन को ट्रांसफर किया गया है।
🔹 सिनेमा से प्रेरित एक सच्चा जुर्म
यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि फिल्मी कहानियां जब अपराध की प्रेरणा बनती हैं, तो हकीकत में उनका अंत हमेशा पर्दे पर नहीं, जेल की सलाखों के पीछे होता है।