Tuesday, December 23

भारत का SHANTI परमाणु बिल: अमेरिका ने किया स्वागत, पाकिस्तान को लगी मिर्ची

नई दिल्ली: भारत ने देश में परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को नया आकार देने वाला SHANTI बिल संसद से पारित कर दिया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 20 दिसंबर को इस विधेयक पर हस्ताक्षर कर इसे कानून का रूप दिया। यह बिल निजी कंपनियों को परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में निवेश, निर्माण और संचालन की अनुमति देता है, जिससे देश में सिविल न्यूक्लियर क्षेत्र में बड़ी बदलाव की उम्मीद है।

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पाकिस्तान की नाराजगी

भारत के इस कदम से पाकिस्तान काफी परेशान है। पाकिस्तान ने बिल को लेकर सुरक्षा चिंताओं का हवाला दिया है। विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ताहिर हुसैन अंद्राबी ने कहा कि निजी कंपनियों की भागीदारी संवेदनशील परमाणु सामग्री तक पहुंच बढ़ा सकती है और वैश्विक सुरक्षा प्रयासों के लिए चुनौती बन सकती है।

हालांकि भारत ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि परमाणु सुरक्षा मानकों में कोई ढील नहीं दी गई है और यूरेनियम जैसी संवेदनशील सामग्री सरकार के विशेष अधिकार क्षेत्र में ही रहेगी।

अमेरिका का स्वागत

जहां पाकिस्तान इस बिल पर चिंता जताता रहा, वहीं अमेरिका ने SHANTI बिल का स्वागत किया। नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास ने कहा कि यह बिल मजबूत ऊर्जा सुरक्षा साझेदारी और शांतिपूर्ण सिविल न्यूक्लियर सहयोग की दिशा में एक बड़ा कदम है। अमेरिका ने ऊर्जा क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान और विकास के लिए अपनी तत्परता भी जताई।

परिणाम और महत्व

इस बिल के लागू होने से भारत में परमाणु ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि की उम्मीद है और यह देश को ऊर्जा सुरक्षा के मामले में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। वहीं पाकिस्तान की प्रतिक्रिया इस बात को दर्शाती है कि भारत के ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित कर रहा है।

 

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