
मुंबई, 23 दिसंबर 2025:
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के महानिदेशक सदानंद वसंत दाते को उनके मूल काडर महाराष्ट्र में समयपूर्व वापस भेजने का प्रस्ताव मंजूर कर दिया है। वर्तमान में महाराष्ट्र की पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला का कार्यकाल 31 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। ऐसे में सदानंद दाते को अगले महाराष्ट्र DGP के पद के प्रमुख दावेदार के रूप में देखा जा रहा है।
सदानंद दाते ने 31 मार्च 2024 को एनआईए के तत्कालीन महानिदेशक दिनकर गुप्ता से पदभार ग्रहण किया था। 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी दाते ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उल्लेखनीय योगदान दिया है।
मुंबई हमले के नायक:
सदानंद दाते को 26 नवंबर 2008 को मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले के दौरान उनकी बहादुरी और नेतृत्व क्षमता के लिए जाना जाता है। उस समय वह सेंट्रल रीजन के एसीपी थे। हमले के दौरान दाते और उनकी टीम ने अस्पताल को आतंकियों के बड़े हमले से बचाया। इस साहस के लिए उन्हें 2008 में राष्ट्रपति पुलिस वीरता पदक से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें 2007 में राष्ट्रपति पुलिस मेधावी सेवा पदक और 2014 में राष्ट्रपति पुलिस विशिष्ट सेवा पदक भी मिल चुका है।
संघर्ष से सफलता की कहानी:
सदानंद दाते का जन्म महाराष्ट्र के पुणे में हुआ था। 15 साल की उम्र में उनके पिता का निधन हो गया। परिवार की आर्थिक स्थिति सीमित थी। उनकी मां ने घरों में काम करके परिवार का पालन-पोषण किया, जबकि सदानंद ने घर का सहारा बनने के लिए सुबह चार बजे उठकर अखबार बाँटना शुरू किया। इसके बाद स्कूल जाते और पढ़ाई जारी रखते।
उन्होंने पुणे यूनिवर्सिटी से कॉमर्स में पोस्ट ग्रैजुएशन और डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की। इसके बाद यूपीएससी की तैयारी कर 1990 में आईपीएस अधिकारी बने। इसके अलावा, सदानंद ने हम्फ्री फेलोशिप प्रोग्राम के तहत मिनेसोटा विश्वविद्यालय, अमेरिका में अध्ययन किया और वहां संगठित अपराध व व्हाइट कॉलर क्राइम के प्रबंधन पर प्रशिक्षण लिया।
महत्वपूर्ण पदों पर कार्य:
एनआईए में शामिल होने से पहले, दाते महाराष्ट्र एटीएस (आतंकवाद विरोधी दस्ते) के प्रमुख थे। इसके अलावा उन्होंने मुंबई में अपराध शाखा के संयुक्त आयुक्त, मीरा भायंदर वसई-वीरार के पुलिस आयुक्त, कानून और व्यवस्था के संयुक्त आयुक्त के रूप में कार्य किया। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) में उप महानिरीक्षक और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) में महानिरीक्षक के पद पर भी कार्यरत रहे।
सदानंद दाते की यह यात्रा साधारण परिवार से संघर्षपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद देश सेवा और साहस का प्रतीक बन गई। अब वह महाराष्ट्र पुलिस के DGP के रूप में राज्य की कानून-व्यवस्था और सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं।