
ढाका: बांग्लादेश की राजधानी ढाका और अन्य बड़े शहरों में हाल के सप्ताहों में बढ़ती हिंसा ने दुनिया का ध्यान खींचा है। विशेषकर धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाए जाने की घटनाओं पर संयुक्त राष्ट्र (UN) ने गंभीर चिंता जताई है।
UN महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने बांग्लादेश की सरकार से अपील की कि हर नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, चाहे वह किसी भी धर्म का हो। उन्होंने खासतौर से हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की भीड़ द्वारा हत्या और उनके शव को जलाने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि इस तरह की हिंसा किसी भी सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं है।
यूनुस सरकार से उम्मीद:
स्टीफन दुजारिक ने अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस से उम्मीद जताई कि वह हर बांग्लादेशी नागरिक को सुरक्षित रखने के लिए तत्काल कदम उठाए। UN मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने भी बांग्लादेश के लोगों से शांति बनाए रखने और हिंसा समाप्त करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि फरवरी 2026 में होने वाले चुनावों से पहले हर किसी के लिए सुरक्षित और शांतिपूर्ण माहौल बनना जरूरी है।
अमेरिका से भी चिंता:
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के दो सदस्यों ने भी बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमलों की निंदा की। कांग्रेसी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने दीपू चंद्र दास की हत्या को स्तब्ध करने वाली घटना बताया, जबकि सुहास सुब्रमण्यम ने ढाका में अल्पसंख्यक समुदायों पर बढ़ते हमलों को गंभीर चिंता का विषय बताया।
बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल:
बांग्लादेश में पिछले एक साल से राजनीतिक तनाव और विरोध प्रदर्शन लगातार जारी हैं। जून-जुलाई 2025 से दक्षिणपंथी ताकतों की सक्रियता के कारण प्रदर्शन हिंसक हो गए हैं। इन घटनाओं में अक्सर अल्पसंख्यक और लिबरल विचारधारा वाले लोग निशाने पर रहे हैं।
विश्लेषकों के अनुसार, अगर यूनुस की अंतरिम सरकार तुरंत कार्रवाई नहीं करती, तो हालात और बिगड़ सकते हैं और चुनावों से पहले देश में सुरक्षा संकट और गहरा सकता है।