
चमोली/देहरादून। उत्तराखंड के चमोली जिले के पोखरी क्षेत्र में सोमवार सुबह एक जूनियर हाईस्कूल में उस समय हड़कंप मच गया, जब दो भालू अचानक स्कूल परिसर में घुस आए। सनसनीखेज घटना में एक भालू ने कक्षा छह के छात्र को उठा लिया, लेकिन कक्षा आठ की छात्रा की सूझबूझ और साहस से उसकी जान बच गई। घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत फैल गई है और स्कूल में एहतियातन 25 दिसंबर तक अवकाश घोषित कर दिया गया है।
सुबह साढ़े नौ बजे मची अफरा–तफरी
जानकारी के अनुसार, सोमवार सुबह करीब सवा नौ बजे जूनियर हाईस्कूल हरिशंकर में छात्र-छात्राएं पहुंच रहे थे। इसी दौरान जंगल की ओर से दो भालू स्कूल की तरफ आते दिखाई दिए। भालुओं को देखते ही बच्चों में चीख-पुकार मच गई। कक्षा आठ की छात्रा दिव्या चौधरी ने स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए तुरंत शोर मचाया और बच्चों को कक्षाओं की ओर भागने के लिए कहा।
छात्र को उठाकर झाड़ियों में ले गया भालू
इसी बीच एक भालू ने कक्षा का दरवाजा तोड़ने की कोशिश करते हुए पंजों से वार किया और कक्षा छह के छात्र आरव को पकड़ लिया। भालू उसे स्कूल परिसर के पास झाड़ियों में ले गया, जहां दूसरा भालू भी मौजूद था। यह दृश्य देखकर स्कूल में मौजूद बच्चों और शिक्षकों की सांसें थम गईं।
छात्रा की बहादुरी से बची जान
ऐसे भयावह हालात में भी छात्रा दिव्या चौधरी ने अद्भुत साहस का परिचय दिया। उसने जोर-जोर से शोर मचाते हुए भालू की ओर दौड़ लगाई। उसके शोर और हिम्मत से घबराकर भालू छात्र को छोड़कर जंगल की ओर भाग गया। इसी दौरान शिक्षक भी मौके पर पहुंच गए और उन्होंने मिलकर भालुओं को स्कूल परिसर से खदेड़ दिया।
नाखूनों के निशान, सदमे में छात्र
झाड़ियों से बाहर निकाले जाने पर छात्र आरव के शरीर पर भालू के नाखूनों के निशान पाए गए। हालांकि समय रहते छात्रा और शिक्षकों की सतर्कता से एक बड़ा हादसा टल गया। घटना के बाद आरव सदमे में है और कई बच्चे डर के मारे रोते-बिलखते नजर आए। अभिभावकों में भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर भारी चिंता है।
पहले भी हो चुके हैं भालू के हमले
विद्यालय के शिक्षक उपेंद्र सती ने बताया कि यह बच्चों के साथ भालू से जुड़ी तीसरी घटना है। दो दिन पहले भी इसी स्कूल के एक छात्र पर रास्ते में भालू ने हमला किया था, लेकिन साथ चल रहे दूसरे छात्र ने पत्थर मारकर भालू को भगा दिया था। क्षेत्र में पहले भी भालू देखे जा चुके हैं, जिससे ग्रामीणों में लगातार डर बना हुआ है।
वन विभाग और प्रशासन अलर्ट
घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी, ग्रामीण और अभिभावक स्कूल पहुंचे। बच्चों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता जताई गई। वन विभाग ने एहतियातन दो ग्रामीणों को मानदेय पर तैनात कर बच्चों को घर से स्कूल लाने और वापस छोड़ने की व्यवस्था की है। वहीं बढ़ते खतरे को देखते हुए स्कूल प्रशासन ने 25 दिसंबर तक विद्यालय बंद रखने का फैसला लिया है।
यह घटना एक बार फिर पहाड़ी इलाकों में वन्यजीवों के बढ़ते खतरे और बच्चों की सुरक्षा के लिए ठोस इंतजामों की जरूरत को उजागर करती है।