
नई दिल्ली। अमेरिका में H-1B वीजा होल्डर्स और ग्रीन कार्ड के लिए स्पॉन्सर किए गए विदेशी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। अमेरिकी श्रम विभाग (DOL) ने हाल ही में H-1B और ग्रीन कार्ड वर्कर्स की न्यूनतम सैलरी बढ़ाने के लिए एक नया प्रस्ताव भेजा है। इसके लागू होने पर विदेशी वर्कर्स की सैलरी बढ़ जाएगी, जिससे उनके लिए अमेरिका में काम करना और अधिक लाभकारी हो जाएगा।
सैलरी बढ़ाने का प्रस्ताव
इस प्रस्ताव के तहत, अमेरिकी कंपनियों को अब H-1B वीजा कर्मचारियों को हायर करने के लिए अधिक सैलरी ऑफर करनी होगी। इसका उद्देश्य अमेरिकी बाजार में विदेशी कर्मचारियों को समान रूप से उचित वेतन देना और वर्कर्स की शर्तों को बेहतर बनाना है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह बदलाव पहले भी हुआ था। 2021 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने चार-स्तरीय सैलरी सिस्टम को बदलकर न्यूनतम सैलरी बढ़ाई थी। हालांकि, बाद में अदालतों में आपत्तियों और नई सरकार के तहत यह नियम रद्द कर दिया गया था। अब अमेरिका फिर से सैलरी लिमिट बढ़ाने की दिशा में कदम उठा रहा है।
कंपनियों और वर्कर्स पर प्रभाव
सैलरी बढ़ने से H-1B वर्कर्स को सीधे फायदा होगा, क्योंकि उन्हें अब ज्यादा वेतन मिलेगा। वहीं, अमेरिकी कंपनियों के लिए विदेशी कर्मचारियों को हायर करना महंगा होगा, जिससे स्थानीय कर्मचारियों को प्राथमिकता मिल सकती है। इस प्रस्ताव के साथ ही H-1B वीजा और ग्रीन कार्ड प्रक्रिया में होने वाले बदलाव भी संकेतित हैं।
प्रक्रिया और समयसीमा
यह नया प्रस्ताव फिलहाल ‘ऑफिस ऑफ मैनेजमेंट एंड बजट’ को भेजा गया है, जहां इसका मूल्यांकन किया जाएगा। इसके बाद इसे फेडरल रजिस्टर में प्रकाशित किया जाएगा और जनता से 60 दिनों तक टिप्पणियां मांगी जाएंगी। इसके बाद ही इसे नियम के रूप में लागू किया जाएगा। विशेषज्ञों का अनुमान है कि नियम बनने में कुछ ही महीनों का समय लग सकता है।
निष्कर्ष
अमेरिका में H-1B वर्कर्स के लिए यह बदलाव सकारात्मक साबित हो सकता है। सैलरी बढ़ने से विदेशी कर्मचारियों को वित्तीय लाभ मिलेगा, लेकिन कंपनियों द्वारा स्थानीय कर्मचारियों को हायर करने का रुझान भी बढ़ सकता है। ऐसे में H-1B वर्कर्स को अपने करियर प्लान के अनुसार तैयारी और रणनीति बनाना जरूरी है।