
भारतीय युवाओं की खान-पान की आदतों पर आई नई स्टडी ने हैरान करने वाले आंकड़े पेश किए हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के अध्ययन के अनुसार, देश का हर तीसरा Gen Z (1997–2012 में जन्मे) हेल्दी खाना इसलिए नहीं खाता क्योंकि उसे यह महंगा लगता है।
महंगा और बेस्वाद: हेल्दी खाने की चुनौती
देश के करीब 1.43 लाख युवाओं के सर्वे में 30.7% ने माना कि हेल्दी खाना महंगा है। वहीं, 15% युवाओं ने कहा कि उन्हें हेल्दी खाना स्वादिष्ट नहीं लगता। लगभग 10% ने यह भी कहा कि उनके आसपास हेल्दी खाना आसानी से उपलब्ध ही नहीं है।
जंक फूड की ओर झुकाव बढ़ा
स्टडी में यह भी सामने आया कि टीवी, मोबाइल और सोशल मीडिया पर आने वाले फूड विज्ञापन युवाओं की खाने की पसंद को गहराई से प्रभावित करते हैं। 67.6% युवाओं ने माना कि विज्ञापनों के कारण उनका झुकाव जंक फूड और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड की ओर बढ़ता है।
महिलाओं में बढ़ता मोटापा
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 के आंकड़े बताते हैं कि 24% भारतीय महिलाएं और 23% पुरुष अधिक वजन या मोटापे से प्रभावित हैं। 15-49 वर्ष की आयु वर्ग में 6.4% महिलाएं और 4% पुरुष मोटापे की चपेट में हैं। वहीं, पांच साल से कम उम्र के बच्चों में अधिक वजन वाले बच्चों का प्रतिशत NFHS-4 की तुलना में बढ़कर 3.4% हो गया है।
विशेषज्ञों की राय
डॉक्टर टीना रावल, प्रमुख लेखिका और बीएमसी न्यूट्रीशन जर्नल की शोधकर्ता, का कहना है कि केवल सलाह देना पर्याप्त नहीं है। हेल्दी खाने की आदतें बनाने के लिए यह आवश्यक है कि हेल्दी खाना सस्ता, स्वादिष्ट, आसानी से उपलब्ध और आकर्षक हो। इसके अलावा, फूड लेबलिंग को सरल बनाना, विज्ञापनों पर नियंत्रण और स्कूल-कॉलेज स्तर पर बेहतर फूड एनवायरनमेंट तैयार करना भी जरूरी है।
निष्कर्ष
जैसा कि रिपोर्ट दिखाती है, Gen Z का हेल्दी खाने से परहेज महंगाई और स्वाद की कमी के कारण है, जबकि जंक फूड की ओर झुकाव बढ़ता जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, युवाओं और बच्चों की सेहत सुधारने के लिए नीतिगत बदलाव, आसान पहुंच और आकर्षक हेल्दी विकल्प ही समाधान साबित हो सकते हैं।