
उत्तर प्रदेश में मदरसों की पढ़ाई से अब छात्रों का मोहभंग देखने को मिल रहा है। पिछले दस वर्षों में राज्य के अनुदानित और मान्यता प्राप्त मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या में करीब 80 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
छात्रों की गिरती संख्या
2016 में यूपी के मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या 4,22,667 थी, जो 2025 तक घटकर केवल 88,082 रह गई। इस दौरान हर साल छात्रों की संख्या में निरंतर कमी देखी गई।
- 2017: 3,71,052
- 2018: 2,70,755
- 2019: 2,06,337
- 2020: 1,82,259
- 2022: 1,63,999
विशेष रूप से 2025 में छात्रों की संख्या में सबसे अधिक गिरावट आई है।
जिलेवार स्थिति
जिलों के हिसाब से भी छात्रों की संख्या में भारी अंतर देखने को मिला:
- जालौन: सिर्फ 1 छात्र ने परीक्षा के लिए आवेदन किया
- अलीगढ़: 6 छात्र
- एटा, बागपत, इटावा: 8-8 छात्र
- प्रयागराज: 644 छात्र
- मऊ: 636 छात्र
- आजमगढ़: 497 छात्र
- सिद्धार्थनगर: 478 छात्र
- लखनऊ: 477 छात्र
शिक्षकों की भर्ती
हालांकि छात्रों की संख्या घट रही है, पिछले 10 वर्षों में तीन हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती यूपी के मदरसों में हुई है।
विश्लेषकों का कहना है कि छात्रों की घटती संख्या से यह संकेत मिलता है कि राज्य के मदरसों में पढ़ाई अब युवा वर्ग को आकर्षित नहीं कर पा रही है।